अजीबोगरीब शादी

जमशेदपुर में इंसान और कुत्ते की शादी सिंदूरदान और सात फेरा के साथ..इस अदभुत शादी में बाराती और ढोल नगाडे का रहा जश्न..जहा कुत्ता बना दुल्हा और दुल्हन बनी चार वर्ष की बच्ची ..दुल्हन की माँ के अनुसार मुह के अन्दर ऊपर दात निकलने के बाद रीती रिवाज से मनाई जाती है यह शादी …
आप अपने जीवन में कई शादिया देखे होंगे मगर क्या दुल्हा कुत्ता और दुल्हन चार वर्ष की बच्ची का शादी देखा है .. नही ना मगर यह अ-विश्वशनीय शादी जमशेदपुर में हुई जहा बारात नाच –गाना और ढोल- नगाडो के साथ हिन्दू रीती रिवाज से सिंदूर दान और सात फेरा के साथ कराई गई शादी…जी हां ये अ-विश्वशनीय शादी का नजारा जहा आप वर को एक कुत्ता और वधु को चार वर्ष की बच्ची के रूप में देख रहे है जिसे वधु की माँ आदिवासियों की मांगे पर्व के अवसर पर पर्व की महानता को देखते हुए कराई गई है …इस शादी के बारे ऐसी मान्यता है की जब आदिवासी समाज में किसी बच्चे के मुह के अन्दर ऊपर दात निकल आता है तो उसे जीवन में कई खतरनाक ग्रह दोष से मुक्त कराने के लिए बचपन में ही कुत्ते से करनी पड़ती है शादी जिससे बच्चा या बच्ची दोष मुक्त हो जाते है और अपने जीवन में कभी उनको किसी परेशानी का सामना नही करना पड़ता है
वही बाराती के रूप में दुल्हा पक्ष से शादी में सामिल हुई महिला इस शादी में मौज-मस्ती नाच-गाना के अलावा खाना-पीना के बाद काफी खुश है .वही बाराती पक्ष में आये लोग देखिये कैसे इस शादी का मजा ले रहे है और शादी संपन होने तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा बाराती होने का एहसास करा रहे है .. जबकि मांगे पर्व में आदिवासी समाज के लोग प्रकृतिक की पूजा करते है जिसमे पेड़- -पौधा आदि के पूजा के बिना कोई काम संपन नही होता जहा इस समाज का मानना है की जब सब कुछ प्रकृतिक को मान लिए है तो शादी में पंडित आदि की जरुरत समाज में नही होती और इस कारण इस शादी में दूल्हा –दुल्हन के अलावा बाराती है और कुछ अलग है तो सिर्फ एक पेड़ जिसकी पूजा के बाद सिंदूर दान और फेरा फिर अपने -अपने घर जाने की जरुरत बन जाती है…
इस शादी में विश्वसनीय बात ये है की ना दहेज़,ना निमत्रण पत्र ,ना भोज, और ना ही दुल्हा दुल्हन को घर ले जाएगा बस शादी और रिश्ता खत्म …