अब आया है ऊँट पहाड़ के नीचे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों के लोगों का अमेरिका में प्रवेश क्या रोका चीन और पाकिस्तान दोनों के तोते उड़ गए | चीन अब तक हर मंच से यही कहता रहा है कि , पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप लगाने से पहले पुख्ता प्रमाण लाना चाहिए | पाकिस्तान ने तो हाफिज सईद को लगभग मसीहा ही घोषित कर रखा था | ये वही हाफ़िज़ सईद है जिसने २००८ में मुंबई पर आतंकी हमलों की योजना बनाकर उसे जमातुल दावा के आतंकियों से अंजाम दिलाया था | तब से लेकर आज तक भारत की लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान हाफिज सईद को दोषी मानने से इनकार कारता रहा है | उसे पर्याप्त सबूत भारत ने भेजे पर उसका वही राटा रटाया जवाब रहा है कि सबूत नहीं ये आरोप है | चीन भी पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा रहा , लेकिन जैसे ही ट्रंप ने सख्त कदम उठाया चीन और पाकिस्तान दोनों की अक्ल ठिकाने आ गई | चीन ने पाकिस्तान पर फ़ौरन दवाब डाला कि अब हाफिज सईद को खुला छोड़ना भारी पड़ेगा | पाकिस्तान को यह डर लगा कि ट्रंप को चुनौती देना भारी पड़ सकता है |
बस फिर क्या था कल तक मसीहा नज़र आने वाला हाफ़िज़ सईद उसे खतरा लगने लगा और उसे नज़रबंद कर दिया गया | चीन ने पाकिस्तान को साफ़ – साफ़ हिदायत दी कि हाफ़िज़ सईद और जैशे मोहम्मद प्रमुख अजहर मसूद को अगर तत्काल नियंत्रित न किया गया तो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का बचाव कर पाना चीन के लिए नामुमकिन हो जाएगा | बस फिर क्या था , नवाज़ शरीफ फ़ौरन हरकत में आ गए और हाफ़िज़ सईद और मसूद अजहर को नज़रबंद कर दिया गया | इन दोनों के अलावा अब्दुल्ला उबैद , ज़फर इक़बाल , अब्दुर रहमान आबिद काजी काशिफ नियाज़ को भी नज़रबंद कर दिया गया | पाकिस्तान में हर आतंकी संगठन और उससे जुड़े लोगों पर नज़र रखी जाने लगी है | ये कवायद है अपने आप को ट्रंप के खौफ से बचाने की और चीन के सीधे आदेश का पालन कर उससे दोस्ती बनाए रखने की | आपको याद दिला दूँ कि ये हाफ़िज़ सईद वही है जिसका लिका भाषण नवाज़ शरीफ ने यू एन असेम्बली में पता था और उन पर पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने हाफ़िज़ के इशारों पर नाचने और उसके आगे घुटने टेकने का आरोप लगाया था |