बेबात बतंगड़ बना रहे विपक्षी आरक्षण के मसले को
समझ में नहीं आ रहा है कि आरक्षण की याद रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बड़े -बड़े नामो को चुनाव से ठीक पहले ही क्यूँ आने लगती है |बिहार चुनाव से ठीक पहले और उसके बीच में आरक्षण की तान छेड़ कर आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ने उस चुनाव में जद यू , राजद और कांग्रेस गठबंधन की जीत सुनिश्चित कर दी थी और उसी पर बिहार की जनता ने अपनी मुहर लगा कर भाजपा को दरकिनार कर दिया था | इस बार आर एस एस प्रवक्ता मनमोहन वैध ने इसकी जिम्मेदारी ले ली | उन्होंने कुछ दिन पूर्व जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में फिर से आरक्षण के मुद्दे को छेड़ कर भाजपा के विरोधियों को एक ऐसा हथियार दे दिया जिसे कुंद करने में भाजपा के पसीने छूट जायेंगे | मनमोहन वैध बोले कि ,” सबको अवसर दिए जाएँ ,शिक्षा मिले | इसके आगे आरक्षण देना , अलगाववाद को बढ़ावा देना है “ | हांलाकि बाद में उन्होंने कहा कि ,” मैंने धार्मिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण के विरोध में यह बात कही थी | ध्यान देने की बात है कि तेलंगाना सरकार धार्मिक आधार पर मुस्लिमो को १२ फ़ीसदी आरक्षण देने की तैय्यारी कर रही है “ |
बहरहाल , वैध अब चाहे जितनी भी सफाई दें , भाजपा विरोधियों को तो एक मौक़ा बैठे – बिठाए मिल ही गया | लालू ,नीतीश से लेकर कांग्रेस की पीपड़ी बजने लगी | केंद्र सरकार में शामिल दलित और पिछड़ी जाति के नेताओं ने भी स्पष्ट कर दिया है की आरक्षण से छेड़ –छाड़ उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं | विरोधी पार्टियों ने तो बिना देरी किये भाजपा को दलित विरोधी बता दिया और साथ ही यह भी कि दबे कुचले लोगों का भविष्य उन्ही पार्टियों के हाथों में सुरक्षित है जो भाजपा विरोधी हैं | सभी को मालूम है कि हमारे देश में ऐसे नेताओं की भरमार है जो ऐसे मौकों की तलाश में रहते हैं , ताकि गरीबों , अल्पसंख्यकों और पिछड़ी जाति को भ्रमित कर वोट बटोरने का एक भी मौका हाथ से न जाने दें | एक नहीं बल्कि दर्जनों अवसरों पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्पष्ट कर चुके हैं की आरक्षण से किसी भी हालत में वो छेड़ –छाड़ नहीं होने देंगे | उनकी सरकार हर तबके के हितों की रक्षा करेगी | किसी अधिकारों का हनन केंद्र सरकार कतई नहीं होने देगी | इन सब के बावजूद हमारे देश की एक बहुत बड़ी जनसंख्या ऐसी है जिन्हें धर्म ,जात –पांत या फिर अगड़ी – पिछड़ी जाति के नाम पर कभी भी दिग्भ्रमित किया जा सकता है | ऐसी जनता बहुत ही भोली और साफ़ दिल की है | वह दिमाग से नहीं बल्कि दिल से काम लेती है | इन सभी पहलुओं को बखूबी जानते हुये भाजपा के कुछ नेता और ये आर एस एस के शीर्ष लोग हर बार आरक्षण की तान छेड़ कर किसको लाभ पहुंचाने की कोशिश में लग जाते हैं | कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा और आर एस एस में भी कुछ ऐसे लोग बैठे हैं जो नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को ज्यादा मजबूत और अधिक लोकप्रिय होते नहीं देखना चाहते | वैसे भी एक बड़ी पुरानी कहावत है , “ अगर कुल्हाड़ी में लकड़ी का दस्ता न होता , तो लकड़ी के काटने का रस्ता न होता “ |