क्षेत्रीय दल राष्ट्र के लिए खतरा

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क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय सोंच नहीं रखती हैं ये बात एक बार नहीं बार बार सिद्ध हुआ है . बहुत सारे राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी सोंच कभी कभी राष्ट्र विरोधी भी लगने लगाती है . समाजवाद के नाम पर ये जातिवाद की पराकाष्ठा करते हैं …शायद वोट प्राप्त करने का ये आसान तरीका लगता है उन्हें . साम्प्रदायिकता का ढोल पिट कर ये मुसलामानों को डराते हैं …और जातिवाद का जहर फैला कर ये समाज के पिछड़े और दलितों को भ्रमित करते हैं . संत  रविदास जयंती के विभिन्न कार्यक्रमों में इनके जहरीले बोल इनके मानसिक दिवालियेपन का परिचायक है .

हिन्दू धर्म जो थोड़ी बहुत कमियाँ मध्य काल में आ गई थीं …उसके बारे में तो खूब कूद कूद कर भाषण करते हैं पर एक बार भी इस्लाम की कमियों के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं कर पाते …पता नहीं उस समय उनकी बहादुरी कहा चली जाती है …ये उनकी कायरता का सूचक है .ऐसे ऐसे नेताओं का सामजिक विरोध होना चाहिए …क्योंकि ये समाज के लिए खतरा हैं. ये बातें बीजेपी बुद्धिजीवी मंच के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश कुमार ने कही .

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