गवानी पड़ेगी नौकरी

बिहार सरकार शराबबंदी को लेकर हर दिन सख्त होती जा रही है। बिहार सरकार ने नया नियम लागू करते हुए कहा है कि अगर राज्य में कोई भी सरकारी कर्माचारी शराब पीते हुए पकड़ा गया तो उसको अपनी नौकरी के हाथ धोना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने कठोर फैसला लेते हुए कर्मचारी आचरण नियम 1976 में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस संशोधन के द्वारा सरकारी कर्मचारीयों के लिए कई निषेधात्मक प्रावाधानों को जोड़ा जायेगा। अगर अब कोई भी सरकारी कर्मचारी और न्यायिक अधिकारी शराब पीते हुए या ड्रग्स जैसे किसी भी नशीले पदार्थ को पीते हुए या लेते हुए पकड़ा गया तो उस कर्माचारी को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
शराबबंदी को और मजबूती करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
सरकार का कहना है कि यह फैसला शराबबंदी को ओर मजबूती से लागू करने के लिए किया गया है। इस कारण सरकारी कर्माचारियों को भी शराबबंदी के अंदर शामिल किया गया है। इसके बाद अब इन पर भी सख्त कार्यवाई की जायेगी।मद्द निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि पहले नियम के मुताबिक ड्यूटी पर कोई भी सरकारी कर्मचारी शराब नहीं पी सकता था लेकिन अब जो शराब के नशे में पकडे जायेगे उन्हें अपनी नौकरी भी गवानी पड़ेगी साथ ही 10 सालो के लिए जेल भी जाना होगा।
मगर इस नये संशोधन के बाद अगर ड्यूटी के बाद भी कोई भी सरकारी कर्मचारी या न्यायिक अधिकारी शराब या ड्रग्स जैसे पदार्थो का सेवन करते हुए पाया गया तो, उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाई की जायेगी। इसमें उसकी नौकरी भी जा सकती है।राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह फैसला सही है…अब शराब के जगह पर दूध पीना चाहिए।
बहरहाल सरकार के इस फैसले के बाद खासकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियो में काफी नाराजगी है।