गिरिराज के बयान पर हंगामा

उत्तर प्रदेश के चुनाव ने देश भर के नेताओं की जुबान को ऐसी धार दी है की हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में जुटा है।बिहार में तो बीजेपी के नेताओं का मुसलमानो के अल्पसंख्यक दर्जे को हटाने को लेकर आये बयान पर मचा है सियासी बवाल।
वोट की राजनीति ऐसी की उत्तर प्रदेश के आखरी चरण का चुनाव आते आते जिसको जहाँ जैसे मौका मिल रहा बस वोट को अपने पक्ष की जुगत में है।बिहार में बीजेपी के नेताओं ने एक नया राग अलापा है,मुस्लिम अल्पसंख्यक क्यों।बहस की शुरुआत केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की ,जिन्होंने कहा की अल्पसंख्यक का दर्ज़ा मुसलमान को क्यों और इस ब्यान से मचा हडक़म्प।बीजेपी नेताओं का समर्थन गिरिराज को मिला।बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार और बीजेपी के सचेतक अरुण कुमार ने कहा की ये बिलकुल सही है।आकलन हो की ये अल्पसंख्यक क्यों हैं और अगर सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं।
मगर बिहार में तो लालू यादव ने इनके खिलाफ खोल मोर्चा और उनके साथ महागठबंधन तैयार था ।सभी ने एक सुर में लिया बीजेपी को आड़े हाथ।लालू यादव ने मेंटल केस बताया तो जदयू ने इस बयान का विरोध करते हुए इसे समाज तोड़ने की कोशिश बताया।
अब माज़रा ये की महागतबन्धन तो विरोध कर रही है मगर अब बीजेपी के NDAमें सहयोगी हम पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तो बीजेपी के आला नेताओ को ही संज्ञान लेने की नसीहत दी है।उन्होंने कहा ये बयान सही नही है और इस तरह के बयान से गठबंधन को मुशिकलों का सामना करना पड़ता है।
तो बवाल बढ़ा है अल्पसंख्यक की सियासत पर,समझ में के बात तो साफ़ आ रही है की ये उत्तर प्रदेश चिनाव का असर है मगर क्या ये बहस का मुद्दा आगे भी देश की राजनीति को प्रभावित करेगा,ये यक्ष प्रश्न है।