चलो याददाश्त लौटी तो ….

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नवजोत सिंह सिद्धधू की याददाश्त लौट आई है | उन्हें जीवन के इस पड़ाव पर याद आया की वो जन्मजात कांग्रेसी हैं | उन्हें ये भी याद आ गया की उनके पिता नि ४० वर्षों तक कांग्रेस की सेवा की | उन्हें पंजाब की बदहाली भी सताने लगी | उन्होंने कैकेयी को भी लगे हाथों याद कर लिया | भाजपा को कैकेयी और कांग्रेस को माता कौशल्या कह कर पुकारा | उन्हें पंजाब के युवाओं और वहां की समाप्त होती हरियाली भी चिंतित करने लगी | वहां के मौजूदा मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को परिवार वाद का पोषक कहने में भी इस पूर्व क्रिकेटर ने देरी नहीं लगाईं | सिद्धू की आत्मा काफी देर से जागी और अब कांग्रेस की नदी में नहाकर उनका तन- मन पूरी तरह  पवित्र हो गया है | ऐसा मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि उन्हें ऐसा इल्हाम हो गया है | मेरी समझ में एक बात आज तक नहीं आई कि इन राजनीतिज्ञों की आत्मा इतनी देर से क्यूँ जागती है | इन्हें ज्ञान की प्राप्ति इतनी देर से क्यूँ होती है | कल तक राहुल गाँधी का मज़ाक बनाने और उनकी नक़ल उतरने वाले सिद्धू अचनक उनकी आरती उतारने लगे | इसे ही कमाल कहते हैं |

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सिद्धू को पूरी रामायण फिर से पढनी चाहिए ताकि वो कैकेयी के पुरे चरित्र को समझ सकें और साथ ही माता कौशल्या के चरित्र को भी समझ सकें | कैकेयी में जितने गुण थे उनका सहज मिलना बेहद मुश्किल होता है | माता कौशल्या को भी कभी सत्ता और मुकुट का लोभ नहीं था | जबकि कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिए छटपटा  रही है और  सिद्धू भी मुख्यमंत्री बनने को बेताब , जबकि दिल्ली अभी बहुत दूर है | रही बात बादल के परिवारवाद से दुखी होने की तो सिद्धूजी कांग्रेस तो परिवारवाद की गंगोत्री है , इस बात को सिर्फ भारतवासी ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया जानती है | बाकी आपकी बातें पंजाब की हरियाली की समाप्ति और वहां  युवाओं में बढती नशे की आदत से जुडी है | किसी भी देश या राज्य की हालत २-४ वर्षों में चिंताजनक नहीं हो जाति है | उसमे वर्षों लगते हैं | और ये बात तो आप भी जानते हैं की इस देश पर कई दशकों तक आज़ादी के बाद से किसका शासन रहा है | बहरहाल, आपके जाने से किसका भला होगा ये तो आप सबसे बेहतर स्वयं जानते हैं | रही बात मुख्यमंत्री पद की तो आप उसके सपने तो देख सकते हैं वहां तक पहुँच नहीं सकते और ये आप भी जानते हैं | कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरूद्वारे  में आप के साथ मत्था तो टेक सकते हैं आपके दरवाज़े पर कभी मत्था नहीं टेकेंगे | कांग्रेस का आप कितना भला करेंगे ये तो उपरवाला जाने लेकिन आपने अनजाने में भाजपा का भला जरूर कर दिया है क्यूंकि आधे मन से खेलने वालों की जगह टीम में नहीं होनी चाहिए ये आपसे बेहतर कौन जानता है |

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