जितना बड़ा परिवार ,उतना फैला कारोबार

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अजीब संयोग है की एक ओर नीतीश सरकार चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी मना  रही है , बिहार और पूरे देश को  देश को गाँधी के आदर्शों पर चलने का सन्देश दे रही है और दूसरी ओर उनके राजनीतिक बड़े भाई और गठबंधन सरकार की बड़ी पार्टी ( राजद) के सुप्रीमो तमाम उन कारणों से चर्चा में हैं जिनसे गाँधी या उनके आदर्शों का दूर – दूर तक कोई लेना देना नहीं |बापू ने कभी किसी से नहीं कहा कि देश की चिंता त्याग कर परिवार की चिंता में जुट जाओ और पूरे परिवार के नाम से धड़ा -धड़ नामी और बेनामी कम्पनियां खोलते जाओ | करोड़ों – अरबों का खेल खेलते रहो और गरीबों के मसीहा और समाजवादी बने रहो | लालूजी ने अपनी तीन बेटियां , चंदा यादव , रागिनी यादव और मीसा भारती के नाम से देश के अलग – अलग पते पर कई कम्पनियाँ कड़ी कर ली | पत्नी राबड़ी देवी और दोनों पुत्रों , तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के नाम पर भी नामी – बेनामी कंपनी कड़ी कर दी |बेटी चंदा ने तो अपनी फार्म के पंजीकरण के लिए बिहार के सी एम् निवास का पता अवैध रूप से बिना डरे दे दिया | वैसे उसे तो शायद पता भी नहीं होगा कि उसके पूज्य पिताजी ने उसके नाम पर कौन सी कम्पनी खोली है , या फिर कौन – कौन सी कम्पनी खोली है और उसका पता ठिकाना क्या है | मज़े की बात है की लालू  परिवार की सभी कम्पनियाँ या अन्य व्यावसायिक संस्थान तब वजूद में आये जब लालू संप्रग सरकार के रेल मंत्री थे या फिर जब उनकी पत्नी बिहार की मुख्य मंत्री थीं |पटना के सगुण मोड़ के पास बन रहा आधुनिकतम माल भी उनके परिवार की ही सम्पत्ति है |इस माल का क्षेत्रफल और इसके आस – पास की जमीन भी लालू यादव परिवार की ही बेनामी संपत्ति है |लालूजी के बारे में एकदम सही कहा जा रहा है कि आज की तारीख में वे बिहार के सबसे बड़े जमींदार हैं | ये बात अलग है की बिहार और दिल्ली सहित देश के कई कोनो में उन्होंने अपने परिजनों और विश्वासी लोगो के नाम पर ही ये सब जाल बिछा रखा है | एक ज़माने में उनके लिए कबाब बनाने वाले अनवर अहमद से लेकर राज्य सभा सांसद प्रेम गुप्ता जैसे लोगो की एक लम्बी सूची है जो लालू की अकूत सम्पदा के कागजी मालिक हैं | हांलाकि ई डी और विजलेंस जब पूरी ईमानदारी से इन सब की जांच करेगी तो सब सच सामने आ जाएगा और लोगों को गरीबों के मसीहा और लोहिया – कर्पूरी के आदर्शों को जीने का दावा करने वाले ” एक असली समाजवादी ” का असली चेहरा भी नज़र आ जाएगा |

मोदीजी ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों के चेहरे से नकाब हटाने का वादा देश से कर रखा है | यकीन जानिये , आपको ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा | बिहार के इस” समाजवादी जमींदार”  के चेहरे के साथ – साथ बिहार सरकार का वह सच भी दिखेगा जो उसने गाँधी के नाम पर ऐसे लोगों को बचाए रखने के लिए अपना रखा है | नीतीशजी , बापू के आदर्शों को जिंदा रखना है तो ऐसे चेहरों को जल्द से जल्द बेनकाब कर बिहार को और कलंकित होने से बचाइये |

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