देश में सामान नागरिक कानून होना चाहिए :इन्द्रेश कुमार
धर्म जागरण समन्वय द्वारा आयोजित देश में राष्ट्रिय क़ानून विषय पर सेमिनार को सम्बोधित करते हुए आर एस एस के केंद्रीय अधिकारी मा. इन्द्रेश जी ने कहा कि देश में राष्ट्रिय कानून न होने के कारण आजादी से अब तक देश घोर पीड़ा झेल रहा है . हम सब अपने देश को माता मानते हैं और माता अपने सन्तान के लिए अलग अलग नियम नही बनाती है, इसलिए भारत देश में अलग अलग कानून क्यों? जो अपने माता की जय नही बोल सकता उसे शैतान, दुराचारी ही माना जायेगा. ये कैसी विडम्बना है कि भारत से बाहर के देशो में भारत माता की जय बोला जाता है और भारत में लोगो को भारत माता की जय बोलने, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत से परहेज होता है . जो व्यक्ति देश का , माता का, भाई का, बहन का, नही हो सकता वो खुदा, ईश्वर और भगवान का भी नही हो सकता. तीन तलाक की प्रथा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगर तलाक देना ही है तो छुआ-छुत, नशा, भ्रूण हत्या, अपराध, उंच –नीच को दो , स्त्रियों को क्यों तलाक देते हो| भारत एक देश है इसलिए इस देश में एक ही तरह का कानून होना चाहिये.
इसके पहले सेमिनार का उद्घाटन माननीय इन्द्रेश जी, , धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार जी, धर्म जागरण समन्वय के प्रशासन सम्पर्क प्रमुख ई. रामबालक प्रसाद जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजय पासवान जी, श्रीमती पूनम सिन्हा जी ने दीप प्रज्वलन और भारत माता एवम शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया|
कार्यक्रम का सन्चालन धर्म जागरण के निधि प्रमुख मिथिलेश कु. सिंह ने किया जबकि माननीय अतिथियों और श्रोताओ का स्वागत पूनम सिन्हा जी के द्वारा किया गया|
इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए मा. सूबेदार जी ने कहा की –देश में एक ही कानून होना चाहिए जो किसी धर्म या जाति से प्रभावित न हो लेकिन उसका प्रभाव देश पर हो .धर्म पर आधारीत कानून देश में विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा देता है .अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की भावना ख़त्म होनी चाहिए .
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संजय पासवान जी ने किया| अपने भाषण मे उन्होंने कहा कि भारत एक देश है और इस देश मे रहनेवले सभी भारतिय हिन्दू हैं तो इनके लिए कानून भी एक ही होना चहिये. देश के अंदर एक कानून , एक समाज एक राजनीति होनी चहिये.
आज इस अवसर पर हरिहरनाथ मुक्तिनाथ सांस्कृतिक यात्रा २०१६ नामक चित्रंजलि का भी लोकार्पण हुआ .
इस अवसर पर धर्म जागरण के विभिन कार्यकर्ता अरुण जी, आशुतोष जी, श्याम नारायण जी, रोहित जी, शिवम जी, और अंकित कुमार, डॉ. अवधेश कुमार, रंजित कुमार, शिव कुमार, रणधीर कुमार, अवधेश सिंह अदि उपस्थित थे.