निखिल और ब्रजेश जमानत पर सुनवाई टली, अगली तारीख 2 और 3 मार्च……
यौन शोषण और सेक्स रैकेट चलाने में फंसे हाई प्रोफाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी और बिहार कांग्रेस के नेता ब्रजेश पांडेय की अग्रिम जमानत याचिका पर कोर्ट में अब 2 और 3 मार्च को सुनवाई होगी. 2 मार्च को निखिल और 3 मार्च को ब्रजेश की याचिका पर. बहस को वकीलों ने समय लिया है. पर कोर्ट ने इस बीच कार्रवाई से पुलिस को मना करने का कोई आदेश नहीं दिया है. बिहार पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम कह रही है कि वह दोनों को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लेगी. गिरफ्तारी के लिए दो और स्पेशल टीमें गठित कर दी गई है. 22 दिसम्बर 2016 को ऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री की बेटी ने यौन शोषण की रिपोर्ट पटना के हरिजन थाने में लिखाई थी. बाद में 164 के बयान में प्रिया ने रेप की बात कही. मेडिकल रिपोर्ट ने प्रिया के आरोपों की पुष्टि की. तब से निखिल प्रियदर्शी फरार है. आरोप यह भी लग रहा है कि निखिल को भगाने-बचाने में कई ब्यूरोक्रेट्स ने मदद की है,जो उसके हैप्पी आवर्स के पार्टनर हुआ करते थे. फरार निखिल आज भी अनजान लड़कियों के साथ रात-रात भर सोशल साइट्स पर चैट कर बिहार पुलिस की कोशिशों के दावे को चुनौती दे रहा है. इन्वेस्टीगेशन के क्रम में इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय को निखिल प्रियदर्शी का पार्टनर पाया. यह बात भी सामने आई कि माजा में नशा पिलाने के बाद अकेले में ब्रजेश पांडेय ने प्रिया को छेड़ा. आरोप लगने के बाद ब्रजेश ने बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और भूमिगत हैं.पुलिस ने केस डायरी में यह साक्ष्य प्रस्तुत किया है कि निखिल प्रियदर्शी के साथ ब्रजेश पांडेय की गहरी यारी है. केस होने और निखिल के फरार होने के बाद भी दोनों लगातार संपर्क में रहे हैं. इसके साथ ही,केस वापस लेने के लिए पीड़िता प्रिया पर भी दबाव बनाया जाता रहा है.कोर्ट पहले ही निखिल के पिता-भाई और मित्र संजीत शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. बिहार पुलिस यह भी कह चुकी है कि अभियुक्तों ने स्वयं को कानून के हवाले नहीं किया तो कोर्ट की अनुमति प्राप्त कर सख्ती से कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जायेगी.