गाँधी तो बस बहाना है -मोदी को हटाना है
:महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलना है और देश के हालात बदलना है।इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी मुद्दे पर देश में माहौल बनाने में लगे है और इसी कड़ी में चंपारण की धरती पर पदयात्रा,जहाँ लगे नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने के नारे।मोदी के विकल्प के तौर पर नीतिश को पेश करने की पुरजोर कोशिस हुई |
-ये है चंपारण की धरती और यही से शुरू हुई थी गांधी के महात्मा बनने की कहानी।बिहार में अप्रैल 2017 से अप्रैल 2018 तक सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष बनाया जायेगा सो नीतीश कुमार ने इसी कड़ी में मोतिहारी के उसी गाँव चन्द्रहाई से शुरू की पदयात्रा,जहाँ महात्मा गांधी को चंपारण छोड़ने का नोटिस अंग्रेजों ने दिया था और यही पड़ी थी सत्याग्रह की नींव।7 किलोमीटर के पदयात्रा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी साथ यानी पूरा महागतबन्धन था साथ।
-:नीतीश कुमार के इस मुहीम को 2019 में देशव्यापी बीजेपी के खिलाफ गोलबन्दी से जोड़ा जा रहा है।स्वतन्त्रता सेनानियों को पटना में सोमवार को जब सम्मानित किया गया तो उस मंच से भी इन्ही बातों को नीतीश, लालू और राहुल गांधी ने कहा।और इस पदयात्रा में भी उसकी झलक मिली।
-:इधर पदयात्रा से उत्साहित नीतीश कुमार गांधी के विचारों को दुहराते रहे।
-नीतीश कुमार के पदयात्रा के मकसद पर ग्रहण उनके सहयोगी और महागठबन्धन के साथी कांग्रेस ही लगा रही है…कांग्रेस की माने तो 2019 में पी एम उम्मीदवार केवल और केवल राहुल गांधी होगें।
:बीजेपी ने स्वतन्त्रता सम्मान समारोह का भी किया बहिष्कार और पदयात्रा पर भी खूब बरसे।समझ वो भी रहे की नरेन्द् मोदी के खिलाफ गोलबन्दी की कोशिश है,सो इनके तेवर तो तल्ख होने हीं थे।मंगल पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार के पी एम बनने का सपना कभी पूरा नही होगा।
बहरहाल चंपारण की धरती से कोशिश है नीतीश कुमार की गांधी के बहाने बड़े गोलबन्दी की,असर और फायदा कितना इसे देखना दिलचस्प होगा।