नीतीश सरकार ने दिया कोर्ट को भरोसा
मानव श्रृंखला को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज सुबह 10.30 बजे सुबह से पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और डीजीपी पीके ठाकुर कोर्ट में उपस्थित रहे। दोनों अफसरों ने सरकार की तरफ से अपना पक्ष कोर्ट में रखा।
अधिकारियों ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि मानव श्रृंखला के आयोजन के दौरान यातायात की भी वैकल्पिक व्यवस्था रहेगी साथ ही इसमें लोग अपनी स्वेच्छा से ही शामिल होंगे। साथ ही मानव श्रृंखला को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि इसमें शामिल होने के लिये लोगों पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान एनएच और एसएच दोनों पर यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम के दौरान जज, अधिवक्ता, अधिकारियों समेत इमरजेंसी सेवा के वाहनों की आवाजाही पर भी रोक नहीं लगेगी।
कार्रवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा कि किस आधार पर डीईओ की तरफ से स्कूलों के हेडमास्टर पर दबाव बनाया गया है कि सभी स्कूलों से एक निश्चित संख्या से बच्चों को इस कार्यक्रम में भाग लेना है।इस पर मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी ने ऐसा आदेश स्कूलों तक भेजा है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी। सरकार ने शपथ पत्र दाखिल कर के कोर्ट में अपना पक्ष रखा और जवाब दिया।
गौरतलब है कि बुधवार को भी बिहार में शराबबंदी के लिए 21 जनवरी को भी बनने वाली मानव श्रृंखला कार्यक्रम को लेकर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा था कि वो किस कानून के तहत 21 जनवरी को बिहार से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाइवे गाड़ियों के परिचालन के लिए बंद करेगी।
दरअसल, मानव श्रृंखला को लेकर एक संस्था फोरम फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चों को जबरन शामिल कराने पर पटना हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी और डीजीपी पी के ठाकुर और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को कोर्ट में हाजिर रहने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि शराबबंदी के पक्ष में राज्य सरकार 21 जनवरी को मानव श्रंखला का आयोजन कर रही जिसमें स्कूली बच्चों समेत करीब 2 करोड़ लोग शामिल होंगे.