नोट बंदी पर अब तो हंगामा बंद करें
नोट बंदी पर अब विपक्षी नेताओं को अपना प्रलाप बंद कर देना चाहिए | कारण यह है कि हमारे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने स्पष्ट कहा है कि ,” हमारी अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण वैश्विक गतिविधियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रही है “ | उन्होंने कहा कि ,” काले धन और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए लागू की गई नोट बंदी का अच्छा असर होगा “ | उन्होंने कहा है कि कैशलेस पेमेंट की जो व्यवस्था की गई है उससे काले धन और भ्रष्टाचार पैर रोक तो लगेगी ही , सभी प्रकार के लेनदेन में पारदर्शिता भी आएगी |
इतना तो मानना ही पड़ेगा कि प्रणव दा सिर्फ देश के प्रथम नागरिक ही नहीं बल्कि वित्तीय मामलों के भी विशेषज्ञ हैं | देश के सफलतम वित्त मंत्रियों में उनका नाम है | बज़ट पेश करने से लेकर महीन से महीन वित्तीय मामलों की उन्हें बखूबी समझ है | अब ये बात अलग है की आज के हमारे कुछ नेता जो हर मामले में अपने आप को पारंगत समझते हैं कह सकते हैं की प्रणव दा का ज़माना कुछ और था | कोई कुछ भी दलील दे , इससे तो इनकार नहीं कर सकता हमारे मौजूदा राष्ट्रपति वित्तीय मामलों की गहरी समझ रखते हैं |
राष्ट्रपति के इस बयान ने ऐसे नेताओं और पार्टियों के लिए मुसीबत जरूर खड़ी कर दी है जो नोट बंदी को पांच राज्यों के आगामी विधान सभा चुनाव में मुक्य मुद्दा बनाना चाह रहे थे | अब उनकी धार काफी हद तक कुंद हो जायेगी | नोट बंदी पर नरेन्द्र मोदी विरोधियों ने उन्हें सिर्फ जमकर कोसा ही नहीं था बल्कि उन्हें सैकड़ों निर्दोष लोगों का हत्त्यारा बताकर देश की करोड़ों जनता को दिग भ्रमित करने की नाकाम कोशिश भी की थी | मोदी पर राहुल गाँधी , ममता बनर्जी , लालू प्रसाद तमाम नेताओं ने देश में आर्थिक इमरजेंसी लगाने की थोथी तोहमत भी मढ दी थी | इनलोगों ने मोदी पर देश की जनता को लम्बी –लम्बी कतारों में खड़ा करने का आरोप भी मढ़ा | इन्हें मालूम होना चाहिए कि देश की आम जनता आजादी के बाद से हर दिन अपनी हर ज़रुरत के लिए लम्बी – लम्बी लाइनों में ही लगने को विवश है | बगैर लाइन के तो नेता और अधिकारिओं का ही काम होता है | आम जनता का तो सिर्फ बहाना है , हकीकत तो यह है की कैशलेस और पारदर्शी लेनदेन से भ्रष्ट नेताओं और ऐसे अधिकारियों की ही ऐसी ऐसी होगी | इसी लिए आम जनता की आड़ लेकर वो लोग इतना गला फाड़ रहे हैं | आम लोगो की हर लेनदेन तो ७० वर्षों से पारदर्शी ही है | भला उन्हें किस बात का डर |