पटना बनेगा स्मार्ट और मेट्रो
पटना शहर के स्मार्ट और मेट्रो बनने की ख़बरें हम सब विगत कई महीनो से सुन रहे हैं और बीच –बीच में अखबारों में पढ़ भी रहे हैं | बड़ा अच्छा लगता है पटना की नई और चमकदार तस्वीर के बारे में सोच कर | ज़हन में एक ऐसे शहर की तस्वीर उभर आती है जो बेहद व्यवस्थित , साफ़ – सुथरा और आकर्षक हो | फिर ख्याल आता है कि क्या ऐसा हो सकेगा | इस शंका के कई कारण हैं और वो भी काफी वजनदार | अगर आप मौजूदा पटना पर नज़र डालेंगे तो मेरी तरह आप को भी यह लगभग नामुमकिन नज़र आएगा | कुछ इलाकों को छोड़कर बाकी पटना बेहद बेतरतीब ढंग से बसा हुआ है | ७० फ़ीसदी से ज्यादा मकान बगैर नक़्शे के बने हैं | चौंकिए मत , पटना की यही तस्वीर है जो आपको हर सड़क हर गली में नज़र आ जाएगी | सिर्फ कुछ वी आई पी इलाकों को छोड़कर |
ज्यादातर सड़कें सिक्स लेन हैं लेकिन सही मायने में सिंगल लेन| दोनों ओर से इतना अतिक्रमण है कि बुरा हाल है | मकानों को बढाकर १० से १५ फिट सड़क या गली पर लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है | जिला प्रसाशन और नगरपालिका कर्मियों की नज़र इस पर कभी नहीं पड़ती ऐसा नहीं है , पड़ती है पर सिर्फ जुर्माना वसूल कर जेब भरने के लिए | उस अवैध निर्माण को न तोड़ने की जैसे इन विभागों ने कसम खा रखी है | उनकी जेब तो तभी भरेगी जब इस तरह का अवैध कार्य लोग करते रहेंगे | और रही आम लोगों की बात तो उनके पास डिग्रियां बड़ी बड़ी हैं , बड़े बड़े ओहदों पर भी बैठे हैं लेकिन क़ानून तोडना अपना जन्म सिद्ध अधिकार भी समझते हैं | शहर का कोई भी इलाका हो ज्यादातर दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों का फुटपाथ पर पूरा कब्ज़ा है | यकीन न आये तो पटना का एक चक्कर लगा लीजिये | कई जगह तो आपको चलने की भी जगह नहीं मिलेगी |
रही बात जागरूकता की तो माशाल्लाह पूछिए मत | जहाँ चाहा घर का कचरा फ़ेंक दिया , जहाँ चाहा थूक दिया , घर की पानी टंकी भरकर घंटो बहती रहे इन्हें फर्क नहीं पड़ता ,जहाँ चाहा अपनी कार – मोटर साइकिल पार्क कर दी | भरी भीड़ में सड़क के बीच में अपना वाहन रोककर दोस्तों – रिश्तेदारों से बतियाने लगे | भले ही उनके पीछे वाहनों और लोगों की कितनी ही लम्बी कतार क्यूँ न लग जाए | नियमों को तोड़ने की आदत कूट – कूट कर भरी है हम पटनावासियों में | जिन पर जिम्मेदारी है नियम पालन करवाने की उन्हें चिंता रहती है अपनी जेबे भरने की | वैसे भी स्वास्थय सेवा , पीने को सुध पानी , अच्छी शिक्षा , वेंडिंग जोन , नियमित बिजली देना , वाहनों के लिए पार्किंग से लेकर शहर की नियमित साफ़ – सफाई हर फ्रंट पर सरकार को इतना कुछ करना होगा कि मुश्किल ही लगता है | हाँ वायदा हर चीज का है |