पटना बनेगा स्मार्ट और मेट्रो

31_08_2016-patna_01

पटना शहर के स्मार्ट और मेट्रो बनने की ख़बरें हम सब विगत कई महीनो से सुन रहे हैं और बीच –बीच में अखबारों में पढ़ भी रहे हैं | बड़ा अच्छा लगता है पटना की नई और चमकदार तस्वीर के बारे में सोच कर | ज़हन में एक ऐसे शहर की तस्वीर उभर आती है जो बेहद व्यवस्थित , साफ़ – सुथरा और आकर्षक हो | फिर ख्याल आता है कि क्या ऐसा हो सकेगा | इस शंका के कई कारण हैं और  वो भी काफी वजनदार | अगर आप मौजूदा पटना पर नज़र डालेंगे तो मेरी तरह आप को भी यह लगभग नामुमकिन नज़र आएगा | कुछ इलाकों को छोड़कर बाकी पटना बेहद बेतरतीब ढंग से बसा हुआ है | ७० फ़ीसदी से ज्यादा मकान बगैर नक़्शे के बने हैं | चौंकिए मत , पटना की यही तस्वीर है जो आपको हर सड़क हर गली में नज़र आ जाएगी | सिर्फ कुछ वी आई पी इलाकों को छोड़कर |

ज्यादातर सड़कें सिक्स लेन हैं लेकिन सही मायने में सिंगल लेन| दोनों ओर से इतना अतिक्रमण है कि बुरा हाल है | मकानों को बढाकर १० से १५ फिट सड़क या गली पर लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है | जिला प्रसाशन और नगरपालिका कर्मियों की नज़र इस पर कभी नहीं पड़ती ऐसा नहीं है , पड़ती है पर सिर्फ जुर्माना वसूल कर जेब भरने के लिए | उस अवैध निर्माण को न तोड़ने की जैसे इन विभागों ने कसम खा रखी है | उनकी जेब तो तभी भरेगी जब इस तरह का अवैध कार्य लोग करते रहेंगे | और रही आम लोगों की बात तो उनके पास डिग्रियां बड़ी बड़ी हैं , बड़े बड़े ओहदों पर भी बैठे हैं लेकिन क़ानून तोडना अपना जन्म सिद्ध अधिकार भी समझते हैं | शहर का कोई भी इलाका हो ज्यादातर दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों का फुटपाथ पर पूरा कब्ज़ा है | यकीन न आये तो पटना का एक चक्कर लगा लीजिये | कई जगह तो आपको चलने की भी जगह नहीं मिलेगी |

रही बात जागरूकता की तो माशाल्लाह पूछिए मत | जहाँ चाहा घर का कचरा फ़ेंक दिया , जहाँ चाहा थूक दिया , घर की पानी टंकी भरकर घंटो बहती रहे इन्हें फर्क नहीं पड़ता ,जहाँ चाहा अपनी कार – मोटर साइकिल पार्क कर दी | भरी भीड़ में सड़क के बीच में अपना वाहन रोककर दोस्तों – रिश्तेदारों से बतियाने लगे | भले ही उनके पीछे वाहनों और लोगों की कितनी ही लम्बी कतार क्यूँ न लग जाए | नियमों को तोड़ने की आदत कूट – कूट कर भरी है हम पटनावासियों में | जिन पर जिम्मेदारी है नियम पालन करवाने की उन्हें चिंता रहती है अपनी जेबे भरने की | वैसे भी स्वास्थय सेवा , पीने को सुध पानी , अच्छी शिक्षा , वेंडिंग जोन , नियमित बिजली देना , वाहनों के लिए पार्किंग से लेकर शहर की नियमित साफ़ – सफाई हर फ्रंट पर सरकार को इतना कुछ करना होगा कि मुश्किल ही लगता है | हाँ वायदा हर चीज का है |

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