पूर्व सांसद उदय सिंह के इस्तीफा के बाद अब क्या? निर्दलीय चुनाव लड़ने पर क्या है जनता का मत जाने इस रिपोर्ट में !!

बिहार भाजपा और जदयू के गठबंधन के खिलाफ अब जनता के बाद पार्टी के पार्टी कार्यकर्ताओं की भी नाराजगी सामने आ रही है, जिस तरह से नितीश जी सरकार चला रहे है और बिहार भाजपा के शीर्ष नेता उनके सामने नतमस्तक है उससे समर्थको के बाद नेताओ का भी गुस्सा उस समय फुट रहा है जब लोकसभा चुनाव एकदम नजदीक है| इसी क्रम में भाजपा के पूर्व सांसद उदय सिंह का इस्तीफा देना बिहार भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है | एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गये इंटरव्यू में उन्होंने कहा की बिहार में जंगलराज की स्थिति वापस कायम हो गयी है, दिनदहाड़े लोगों की हत्या हो जाती है लेकिन सरकार कुछ नहीं करती। महिलाओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।

जनता और कार्यकर्ताओं की एक बार नहीं सुनी जाती

जब पत्रकार ने उनसे नाराजगी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा अपनी सरकार  होते हुए भी न कार्यकर्ताओं की एक बात सुनी जाती है न जनता की परेशानीयो पर कोई ध्यान देते है, इससे बिहार की जनता और भाजपा कार्यकर्ता काफी हतास और निराश है ! बीजेपी को अलविदा कहते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अहंकार हो गया है। पार्टी में लगातार कार्यकर्ताओं का अपमान हो रहा है। बीजेपी अपने पुराने सहयोगियों को भूलती जा रही है।

 

इस्तीफा के बाद अब क्या?

इस्तीफा के बाद अब क्या करेंगे के जबाब में उन्होंने कहा की राजनीती में हु और बना रहूँगा, अपने समर्थको और जनता की राय लेकर निर्दलीय चुनाव लडूंगा या किसी और दल के विषय में बात करूँगा| आपको बता दे की उदय सिंह पूर्णिया लोकसभा के सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार है, हाल में ही डेमोक्रेसी एम्पावरमेंट एंड रीसर्च एजेंसी(DERA) की टीम ने पिछले दिनों 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच पूर्णिया लोकसभा के अंदर आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों  में पूर्णिया लोकसभा के  उम्मीदवार के संदर्भ में एक सर्वेक्षण किया। पूर्णिया लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं सभी विधानसभा क्षेत्रों में 1-1 हजार लोगों से बात की गई । यानी कुल 6000 लोगों से बात की गई । उसमें एक कैटिगरी भाजपा कार्यकर्ताओं की भी थी ।प्रत्येक विधानसभा में लगभग 200 से 300 भाजपा कार्यकर्ताओं से भी बात की गई। लगभग 80% मतदाताओं का मानना था कि इस बार संतोष कुशवाहा को वोट नहीं देंगे क्योंकि वह हमारे अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे।

सर्वे में कौन लोकप्रिय??
फिर हमारा सवाल था कि आप एनडीए को वोट करेंगे कि महागठबंधन को?
4285 लोगों ने एनडीए के पक्ष में मतदान करने के बाद कही जबकि शेष लोगों ने महागठबंधन के पक्ष में यानी 70% से अधिक लोगों का मत था की एन डी ए को ही अपना मत देंगे। उनका स्पष्ट मानना था कि प्रधानमंत्री मोदी के सामने कोई नहीं है भले विधानसभा चुनाव में  सोचेंगे लेकिन लोकसभा में एनडीए को ही देंगे।
हमारा अगला सवाल था यहां से एनडीए के प्रत्याशी के रूप में कौन सा चेहरा सर्वोत्तम है?
3053 लोगों ने उदय सिंह पप्पू के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किया जबकि शेष लोगों का तीन चार लोगों के बीच मत बटा हुआ था।  आश्चर्यजनक रूप से सबसे कम मत वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा के पक्ष में है । कुछ लोग पप्पू यादव के भी समर्थन में भी थे। इन बातों से स्पष्ट होता है कि पूर्णिया में लगभग 70% से अधिक जनता उदय सिंह पप्पू के पक्ष में है।
कुछ लोग इस बात का संशय अवश्य प्रकट कर रहे थे कि हो सकता है एक षड्यंत्र के तहत उन्हें टिकट न दिया जाए। हमारा अगला सवाल था कि अगर वे निर्दलीय खड़ा होते हैं तो क्या आप उन्हें मत देंगे? इसका उत्तर भी चौंकाने वाला साबित हुआ ।2994 लोगों ने सकारात्मक उत्तर दिया। उनका मानना था कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है और वे निर्दलीय खड़ा होते हैं तो भी हम उन्हें अपना समर्थन देंगे।
हमने आगे पूछा आखिर आप किन कारणों से उदय सिंह का समर्थन करना चाहते हैं? इसका जबाब मिश्रित मिला जो इस प्रकार है-
वे जब सांसद थे तबा रंगदारी टैक्स खत्म हो गया था। स्थानीय समस्याओं के संदर्भ में उनसे सीधे बात की जा सकती थी । इसका समाधान तत्काल होता था ।
सांसद निधि का प्रयोग वाजिब तरीके से क्षेत्र के विकास के लिए हुआ । सड़कों का संजाल बिछा और लोगों में सुरक्षा का भाव था। अपहरण न के बराबर हो गया था और अपराधिक घटनाओं पर लगभग अंकुश लग गया था।
बातचीत से लगा जनता में उनके हारने का भारी पछतावा है जिसे इस बार वे रेक्टिफाई करना चाहते हैं।
बातचीत के दरमियान कुछ बात और सामने आए ।अधिकांश लोगों का मानना था  कि पप्पू जी के प्रत्याशी होने से सीमांचल के अन्य लोकसभा सीटों पर भी काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । सीमांचल में बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठियों का एक अलग प्रकार का आतंक होता है जो इनके रहने से एक सीमा तक नियंत्रित होती है। अनेक क्षेत्रों में जहां हिंदू अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है इनके होने से उसमें एक सुरक्षा का भाव रहता है। खासकर भाजपा के कार्यकर्ताओं का यह मानना है पप्पू जी के नहीं रहने से यहां बांग्लादेशी घुसपैठियों का आतंक काफी बढ़ जाएगा और हिंदू समाज के बीच असुरक्षा का भाव उत्पन्न होगा।
पिछले दिनों से सीमांचल में एन आर सी के मुद्दे पर भी आंदोलन चल रहा है जिसे काफी जनसमर्थन मिल रहा है।आंदोलन से जुड़े लोगों का भी मंतव्य था कि इनके सांसद होने से इस मुहिम को काफी बल मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap