प्रियंका ने प्रशांत किशोर को उनकी औकात दिखाई
इस बार के चुनाव अभियान में कांग्रेस ने पी के को हायर जरुर किया है लेकिन वार रूम का असली कमान प्रियंका गाँधी के हाथ में है .पी के केवल नाम के चुनाव प्रबंधन प्रमुख हैं ,अखिलेश यादव से सीधी बात प्रियंका एवं राहुल ही करते है . स्थिति यहाँ तक पहुंची हुई है कि पी के की एजेंसी की सूचनाओं पर पूरा भरोसा नहीं किया जाता है . उसको अपने स्तर से परखने के बाद ही प्रियंका और उसकी टीम उसका प्रयोग करती है .
वास्तव में गाँधी भाई बहनों ने पी के के बजाय अपनी विश्वस्त टीम पर भरोसा करना बेहतर समझा .उनकी टीम में -मोहन गोपाल ,के राजू ,कनिष्क सिंह ,कौशल विद्यार्थी ,सचिन राव अदि शामिल हैं .प्रियंका गाँधी ने इस बात को सुनिश्चित कराने का प्रयास किया है कि उनकी पार्टी के नेताओं के भाषण में उत्तेजक एवं हल्के शब्दों का प्रयोग न हो . दोनों कोई जल्दीबाजी में नहीं है उनकी नज़र २०१९ के आम चुनाओं पर टिकी हुई है . वैसे कई जगहों पर गुलाम नबी आज़ाद भी पी के की क्षमता पर सवाल उठा चुके हैं . पी के की कम्पनी के भारी भड़कम खर्च ने तो उन्हें परेशान कर रखा ही था ऊपर से ये अनादर …..