बिहार के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होती है नकली दवाएं
…बिहार में नकली दवा का कारोबार सालाना 50 करोड़ से ज्यादा का है।इस रैकेट में न सिर्फ आम लोग बल्कि सरकार को भी प्रतिमाह लाखो का चूना लगाया जाता है।क्योंकि एक्सपायरी और नकली दवा के खेल में बड़ी संख्या में ये दवाइया सरकारी अस्पतालों में ही सप्लाई की जाती है।पटना में हुई कार्रवाई में बड़ी संख्या में सरकारी अस्पतालों में सप्लाई की जाने वाली दवाइया भी बरामद की गई है।
शुक्रवार से शुरू हुई पटना पुलिस की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही।लेकिन शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान कई नए खुलासे हुए।जिन दवाइयों को कल पकड़ा गया था उनमे बड़ी संख्या में वैसी दवाइया भी थी जिन्हें सरकारी अस्पतालों में सप्लाई किया जाना था।तो कई वैसी दवाइया भी थी जो सरकारी अस्पतालों को सप्लाई की जाती है और एक्सपायरी के बाद इन धंधेबाजों के गोदाम तक पहुंच गए।इनमे कई जेनेरिक दवाइया है।
.पटना के बिस्कोमान कॉलोनी स्थित एक तीन कमरे के फ़्लैट से कैसे होता था लाखो वार न्यारा यह इन तस्वीरों को देख कर आप भी चौक जायेंगे . कैमरे के सामने सिर्फ बीस सेकेण्ड में दवाइयों के ऊपर लिखे बैच नंबर, सहित तमाम जानकारिय मिटा दी गई और उसपर नए बैच नंबर ,उत्पादन तिथि और एक्सपायरी डेट का मुहर लगा दिया गया . इसी तरह सादे इंजेक्शन की शीशियो में नए लेबल लगाकर उसे फिर से तैयार कर दिया गया .ख़ास बात यह है फिर से नए डेट और बैच नंबर के साथ ये दवाइया वापस सरकारी अस्पतालों से लेकर बाजार में पहुंचा दिया जा रहा था .
बिना अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत के संभव नहीं
..सरकारी अस्पतालों से दवाइया इन कारोबारियों के गोदाम तक कैसे पहुंची यह तो जांच के बाद सामने आएगा।लेकिन जितनी तादाद में दवाइया मिली है वो हैरान कर देने वाली है। छापेमारी में शामिल स्वास्थ्य विभाग में तैनात ड्रग इन्स्पेक्टर सच्चीदानंद सिन्हा ने बताया कि यह हैरान कर देने वाली बात है की इतनी तादाद में दवाइया इनके पास पहुंची कैसे . हालाँकि इसमें अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत से वे इनकार भी नहीं करते है .
..
…इस फ़्लैट को रमेश पाठक ने किराये पर दो महीने पहले लिया था . इस मकान के मालिक रमेश अग्रवाल ने बताया की उसने नहीं बताया था की वह क्या कारोबार करता है . तीन कमरों के इस फ़्लैट का किराया वह देता था ११ हजार रुपया प्रति माह . रमेश पाठक फरार है . पुलिस मकान मालिक से लगातार पूछताछ कर रही है . क्योंकि यह संभव नहीं है की इतने दिनों से वह यह काम कर रहा हो और इसकी किसी को भनक नहीं लगी हो .
.शुक्रवार से पटना पुलिस और ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारी नकली दवा का कारोबार करने वाले रमेश पाठक सहित कई कारोबारियों के ठिकाने पर छापेमारी कर रहे है .इस दौरान अब तक करीब पचास करोड़ से ज्यादा की दवैया बरामद की जा चुकी है . जबकि कारवाई अभी भी जारी है . गिरफ्तार कारोबारियों ने बताया था की पटना के अलावा झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में भी दवाइयों की सप्लाई की जाती है . जबकि कई एक्सपायरी दवाई की खेप कानपुर से मंगाई जाती है . इस बाबत सम्बंधित राज्यों की पुलिस को सुचना दी जा रही है . इसी क्रम में शनिवार को कोलकाता के कई इलाको में छापेमारी कर नकली और एक्सपायरी दवाइया बरामद की गई है .