बिहार में इंसान नहीं चूहे शराबी हैं ……

जी हां ,बिहार में इन्सान नहीं चूहे शराबी हैं |ये बात हम नहीं बल्कि बिहार पुलिस कह रही है |प्रदेश के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पूरे भारत में घूम – घूम कर दावा कर रहे हैं कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी है |ये बात अलग है की राज्य में रोजाना सैकड़ों शराबी पकडे जा रहे हैं और हजारों – लाखों लीटर शराब पकड़ी जा रही है |मतलब साफ़ है की शराब अब दुकानों पर नहीं बल्कि ब्लैक में बिक रही है और इसकी बिक्री करने वाले मनमर्जी का पैसा कम रहे हैं |पुलिस का दावा है कि रोजाना पकड़ी और जब्त की जा रही शराब पुलिस मालखाने में पूरी हिफाज़त के साथ जमा करा दी जाती है |लोगों को लग रहा था की बिहार पुलिस बड़ी ईमानदारी और मुस्तैदी से अपने काम में जुटी है |लेकिन एक नए खुलासे ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बिहार पुलिस के कुछ लोग कभी भी नहीं सुधर सकते और अपनी चोरी का इल्जाम वो किसी के भी मत्थे मढ़ सकते हैं |निर्दोष लोगों को फ़साना तो बिहार पुलिस का काफी पुराना धंधा है लेकिन इस बार तो हद हो गई |बिहार पुलिस ने अपनी चोरी और शराबखोरी का इल्जाम चूहों पर मढ़ दिया है |चौंकिए नहीं ये सच है |पुलिस से जब छापे में जब्त शराब का हिसाब मांगा गया तो उसका जवाब न सिर्फ चौंकाने वाला था बल्कि सौ प्रतिशत अविश्वसनीय भी |उसका कहना था कि काफी बोतलें तो छापे और ज़ब्ती के वक़्त ही टूट जाती हैं और बाकी को मालखाने में जमा करा दिया जाता है |मालखाने में राखी गई बोतलों के बारे में जब पूछा गया तो जवाब था कि ,”इतनी कम बोतलें इसलिए हैं कि उसे चूहे पी गए “|अब ज़रा आप भी सुनिए कि मालखाने के इन शराबी चूहों ने पुलिस के मुताबिक कितनी शराब पी डाली ….पूरे नौ लाख लीटर |जी हाँ ,पूरे नौ लाख लीटर |अब इसे आप क्या कहेंगे ,बिहार पुलिस का कमाल जो इतने भयंकर शराबी चूहों के होते हुए मालखाने की निगरानी में लगे हैं या फिर गिनीज बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज होने वाले ये बिहारी चूहे जो बड़ी आसानी से नौ लाख लीटर शराब गटक गए |राज्य के सभी जिलो के पुलिस मालखानो का यही हाल है |बिहार पुलिस के आला अधिकारियों को अभी भी शक है कि ,कहीं पुलिस कर्मी ही तो शराब नहीं पी जा रहे हैं |इसीलिए आला अधिकारियों ने फैसला किया है कि अब वे इसकी जांच करवाएंगे ,ऑडिट करवाएंगे ताकि उनके विभाग पर कोई दाग न लगा सके |यानी कि ,अभी भी ये आला अधिकारी इतना नहीं समझ पाए हैं कि चूहे शराबी हैं या उनके सहयोगी |अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार इन चूहों को बिहारी बताते हैं या फिर किसी अन्य प्रदेश (गुजरात )का जो उनकी शराब बंदी योजना को विफल बनाने में जुटे हैं |

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