बीजेपी-नीतीश में ‘दोस्ती’, लालू ने बनाया ‘नया प्लान’, पहुंचे कांग्रेस ऑफिस

बीजेपी के साथ जेडीयू की नजदीकियों के कयास के बाद कांग्रेस और आरजेडी ने भी सियासी जोड़ तोड़ की तैयारी कर ली है। लालू कांग्रेस के साथ गिले-शिकवे भुलाकर नजदीकियां बढ़ाने में जुटे हैं। लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस पार्टी के दफ्तर सदाकत आश्रम जाकर अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं। गुपचुप तरीके से दोनों दलों के बीच रणनीति भी बनाई जा रही है।
बिहार की राजनीति में ऐसा नजारा शायद ही कभी देखा होगा जब लालू और नीतीश शरीखे नेता किसी दूसरे पार्टी के कार्यालय में गए हो। सोमवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव कांग्रेस पार्टी के दफ्तर सदाकत आश्रम पहुंचे। दरअसल, पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में हिस्सा लेने लालू वहां पहुंचे थे। इससे पहले नीतीश कुमार, तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंम्बरम के साथ सदाकत आश्रम के मुख्य द्वार तक गए थे पर वह अंदर दाखिल नहीं हुए थे लेकिन लालू ने ना केवल सदाकत आश्रम पहुंचे बल्कि आश्रम को एक पवित्र स्थल भी बताया।
बीजेपी से जेडीयू के नजदीकियों को लेकर कांग्रेस और राजद ने भी अपने गिले शिकवे भुलाकर सत्ता के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है। लालू पहली बार कांग्रेस ऑफिस सदाकत आश्रम पहुंचे, जहां कांग्रेस नेताओं ने गरम जोशी के साथ स्वागत किया। कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी भावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
लालू ने साफ कहा कि नोटबन्दी पर कांग्रेस के साथ रैली करेगें…जदयू अपना जाने उसे क्या करना है।

मकर संक्रांति के मौके पर पिछले 2 साल में पहली बार जेडीयू की ओर से बीजेपी नेताओं को भी भोज का न्यौता दिया गया।
दो महीने पहले कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत देते हुए राजद को गठबंधन में रहने या नहीं रहने को लेकर अल्टीमेटम तक दे दिया था। अशोक चौधरी के बयान के बाद से लालू प्रसाद यादव ने भी राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राहुल ने प्रधानमंत्री होने की काबिलियत नहीं है लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी का भी सुर बदल गया है अब वो लालू के गुण गा रहे है।
नीतीश कुमार आने वाले दिनों में अगर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटेंगे तो वैसे ही स्थिति में लालू भी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटेंगे। इसकी बानगी भी लालू ने कांग्रेस ऑफिस में जाकर तेज कर दी है। दोनों दलों ने आपसी मतभेद भुलाकर एक फोरम पर आकर संकेत भी साथ दे दिए हैं।