भाजपा का मास्टरस्ट्रोक
चुनाव में विपक्षी पार्टिओं के खिलाफ रणनीति बनाना सभी जानते हैं लेकिन मास्टरस्ट्रोक लगाना किसी –किसी को ही आता है | उत्तर प्रदेश में इस बार भाजपा ने ऐसा ही स्ट्रोक लगा कर कांग्रेस और सपा को हैरान कर दिया है | खासकर कांग्रेस की हालत तो देखने वाली है | राहुल गाँधी के गढ़ अमेठी में इस बार उसने कांग्रेस सांसद और वहां के राजा संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को टिकट देकर कांग्रेस की हालत सांप – छछूंदर वाली कर दी है | यह पहला मौका होगा जब गरिमा सिंह कांग्रेस के खिलाफ वोट मांगेंगी |सिर्फ इतना ही नहीं वो भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपने लिए वोट मांगेंगी |
यह पहला मौक़ा होगा जब कांग्रेस की इस परम्परागत सीट से कांग्रेस का कोई उमीदवार मैदान में नहीं होगा | वैसे भी गत चुनाव में यह सीट सपा के मौजूदा कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति ने जीती थी | कांग्रेस की लाख कोशिशों के बावजूद सपा ने इस सीट से प्रजापति को ही मैदान में उतारने का फैसला किया है | वैसे भी प्रजापति को हमेशा से मुलायम सिंह का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है | ऐसे में अखिलेश के लिए भी यह नामुमकिन था की यह सीट अपने गठबंधन पार्टनर कांग्रेस को दे दें | ऐसे में कांग्रेस अब इस सीट पर सपा के लिए वोट मांगने को मजबूर है | भाजपा ने गरिमा सिंह को मैदान में उतारकर सभी की नींद उड़ा दी है | कांग्रेस सांसद संजय सिंह अपनी दूसरी पत्नी अमिता सिंह को इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर उतारना चाहते थे | उनके भी तमाम मंसूबों पर पानी फिर गया | वैसे भी जब से उन्होंने अपनी पहली पत्नी गरिमा सिंह को छोड़ कर पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अमिता से शादी की है अमेठी की जनता की हमदर्दी और संवेदना गरिमा के प्रति ज्यादा बढ़ गयी है | उनके प्रति सम्मान तो पहले से ही था क्यूंकि वो अमेठी राजघराने की बहु हैं | अमेठी की जनता को लगता है कि उनकी असली रानी गरिमा सिंह ही हैं | गरिमा पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह की भतीजी हैं |काफी अर्से तक बाहर रहने के बाद गरिमा सिंह अमेठी के भूपति भवन लौटी हैं | विरासत की लड़ाई तो वह पहले ही लड़ रही हैं जिसमे उनके पुत्र अनंत विक्रम सिंह पूरी तरह उनके साथ हैं | अब गरिमा सिंह और उनके पुत्र अनंत दोनों ही भाजपा में हैं | ये दोनों माँ –बेटे संजय सिंह के खिलाफ विरासत की जंग तो पहले ही से लड़ रहे हैं , अब यह लड़ाई सियासी भी हो गई है | अमेठी की जनता दिल से गरिमाजी के साथ है | ऐसे में सपा के लिए भी भारी मुसीबत कड़ी हो गई है | कुछ भी हो इस सीट पर अब भाजपा को शिकस्त देना बहुत ही कठिन होगा |
यद्यपि पार्टी एक बहुत बड़ा धडा इसके खिलाफ भी है . और इस बात को ठीक नहीं मान रही है .इसके पीछे राजनाथ सिंह को मन जा रहा है .