ये रिश्ता क्या कहलाता है
२८ नवम्बर के भारत बंद से जे डी यू ने अपने आपको अलग कर लिया है .अधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि देश हीत में ये फैसला लिया गया है .ये नीतिश कुमार की सहजता और सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता है .इसे दूसरे अर्थो में लेना ठीक नहीं है . महागठबंधन पूरी मजबूती के साथ खडी है और अपने कार्यकाल को पूर्ण करेगी . एक रिपोर्ट के मुताबिक नीतिश कुमार की प्रधानमंत्री एवं अमित शाह से अलग अलग मीटिंग हो चुकी है ,हालाँकि नीतिश कुमार ने इसे सिरे से ख़ारिज किया है और इसे पूरी तरह मनगढ़ंत बताया है .उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने भी कहा मेरी इस बाबत मुख्यमंत्री से बात हुई है .इस बात में कोई सच्चाई नहीं है .विरोधियों के पास कोई मुद्दा नहीं है .ये उन्ही के द्वारा उड़ाया गया एक शिगूफा है .लेकिन लगता है की संबंधों के उपर की बर्फ पिघल रही है . शायद हो सकता है जिस प्रकार राजद जद यू गटबंधन असंभव लगते हुए भी संभव हो गया उसी प्रकार ये भी हो ।वैसे बताते चलें कि छोटे मोदी अब इस पुनर्मिलन के पक्के .विरोधी हो चुके हैं .