राहुलजी ऐसा मत कहिये …
एक फिल्मी संवाद बड़ा ही लोकप्रिय हुआ था और आज भी उतना ही लोकप्रिय है …..” शीशे के घर में रहने वाले दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते “ | पर मुश्किल ये है कि कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इसे कभी नहीं सुना | सुनते भी कैसे , उनका बचपन और उनकी जवानी दोनों ही विदेशी माहौल में परवान चढ़ी है | उन्होंने अभी चाँद दिन पहले एक चुनावी सभा में कहा कि ,” नरेद्र मोदी जब अपनी ९४ साल की बूढी माँ का ध्यान नहीं रख सकते, उन्हें अपने साथ नहीं रख सकते तो फिर वे देश वासियों का ध्यान कैसे रखेंगे |” वैसे यह संवाद राहुल कई जगह बोल चुके हैं और उन्हें थोड़ी –बहुत तालियाँ भी मिली हैं |
राहुलजी यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि रहते तो आप भी अपनी माँ के साथ नहीं हैं | मोदीजी की माँ तो अहमदाबाद में हैं जबकि आपकी तो दिल्ली में ही रहती हैं , और वो भी उम्र के उस पडाव पर जरूर हैं जहाँ औलाद की दूरी उन्हें भी खलती होगी | खैर छोडिये ये बातें आप नहीं समझ पाएंगे क्यूंकि आप तो उस तबके से ताल्लुक रखते हैं जिसमे बेटा और माँ दोनों ही एक दूसरे से अपॉइंटमेंट लेकर मिलते हैं | वैसे आप को बिना किसी फीस के एक सलाह देता हूँ , अपने सलाहकार और अपने भाषण लिखने वालो में कुछ ऐसे लोगों को जरूर रख लीजये जिन्हें पढने – लिखने की आदत हो |