लालूजी को जे पी पेंशन
लालूजी को जे पी आन्दोलन में शामिल होने और जेल जाने की एवज में २००९ से पेंशन देने का एलान किया गया है | अच्छा लगा यह जानकर | साथ ही कुछ सवाल भी मन में आये | पहला तो यह की अब इस गठबंधन सरकार ने और लालूजी ने भी मान लिया है कि जे पी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी|
वो भ्रष्टाचार जो इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने फैला रखा था | दूसरा यह की जे पी राष्ट्र व्यापी आन्दोलन बिलकुल उचित था | मज़े की बात है कि लालूजी उसी कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार में मंत्री भी रहे और आज उसी कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार की गठबंधन सरकार भी चला रहे हैं | अब इस गठबंधन का कोई भी सदस्य जे पी का नाम भी नही लेता | बिहार में आज उस आन्दोलन की चर्चा करना भी गुनाह है जिसने न सिर्फ देश को एक नयी दिशा दी बल्कि भारत की राजनैतिक संस्कृति ही बदल दी | आज इस बात का ध्यान ज्यादा रख जाता है उस आन्दोलन का ज़िक्र
भूलकर भी न हो ताकि कांग्रेस बुरा न मान जाये | सुनने में आया है की उस आन्दोलन का जिक्र भी बिहार सरकार की वेव साईट पर नहीं है |
इसके अलावा भी लालूजी सजायाफ्ता हैं | कोई सरकारी कर्मचारी जब सजा भुगत लेता है तो उसके तमाम रास्ते बंद हो जाते हैं | न पेंशन मिलती है न ही ग्रैचुटी | चलो मान लेते हैं की हमारे नेताओं पर वो कानून लागु नहीं होता जो देश की आम जनता पर लागू होता है और कई बार तो निर्दोष को भी अपनी चपेट में ले लेता है | प्रश्न उठता है की ऐसा कब तक | वैसे नैतिकता का पथ तो सिर्फ आम जनता के लिए है फिर भी लालूजी ये पेंशन ज़रा संभल कर लीजियेगा , कंही कांग्रेस वाले बुरा न मान जाएँ