लाल बत्ती अब इतिहास
एक मई के बाद हमारे देश में किसी वहां पर लाल बत्ती नज़र नहीं आएगी | प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का एक और सख्त निर्णय जिसकी आलोचना करना फिलहाल विपक्ष के लिए मुश्किल होगा |कारण यह की प्रधानमंत्री ने कहा है कि , देश का हर नागरिक वी वी आई पी है इसलिए कुछ लोगों को यह सुविधा देकर बाकी लोगों को यह एहसास करना कि वो कम महत्वपूर्ण हैं उचित नहीं है |अब राष्ट्रपति , उप -राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कोई राज्यपाल या मुख्यन्यायाधीश अथवा न्यायाधीश भी इस वर्षों पुरानी परंपरा का लाभ नहीं उठा सकेंगे |पहले भी कई बार ऐसी कोशिश की जाती रही है लेकिन आधी-अधूरी , और शयद यही वजह है की उसे सफलता नहीं मिली |फिर यह भी होता था कि उस दायरे से कई अतिविशिष्ट कहे जाने वाले या संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अलग रखा जाता था | मतलब ये कि , वो लोग उस दायरे में नहीं आते थे | इस बार देश के प्रथम नागरिक से अंतिम नागरिक तक इसका पालन करेंगे |सिर्फ नीली बत्तियां लगेंगी ,वो भी एम्बुलेंस या अग्निशामक वाहनों पर | वैसे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने इसकी शुरुआत अपने प्रदेश में पहले ही करवा दी थी लेकिन इतने मुकम्मल तौर पर नहीं |वहां भी कुछ लोगों को इस प्रतिबन्ध से अलग रखा गया था | इसके बावजूद उन दोनों मुख्यमंत्रियों की प्रशंशा की जानी चाहिए |कल प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही इस अभियान की शुरुआत जोरो से हो गई और ढेरों मंत्रियों व अधिकारियों ने अपने वाहनों से लाल बत्ती हटा दी |वैसे तो यह कदम बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य है फिर भी कुछ लोगों को बहुत तकलीफ होगी और उन्हें भी आम लोगों की तरह ही दिखना होगा | अभी तक इस लाल बत्ती की सुविधा ने उन्हें ख़ास बना रखा था |कहीं से लाल बत्ती गाड़ी गुजरती थी तो पुलिस वालों से लेकर आम जनता तक को एलर्ट हो जाना पड़ता था |वर्षो से लालबत्ती गाड़ी पर चढ़ने वालों को फिलहाल कुछ वक़्त लगेगा अपने को आम भारतीय समझने में |बहरहाल , इसी के साथ अगर अगला निर्णय वी आई पी सुरक्षा में अकारण लगे दर्ज़नो सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम कर या उन्हें हटा कर आम लोगों की सुरक्षा में लगाने का हो जाए तो सचमुच इन सुरक्षा कर्मियों का सदुपयोग हो जाएगा और ऐसा लगेगा कि सरकार आमलोगों की जान को भी उतना ही अहम् समझती है जितना ख़ास लोगों की | अगर ऐसा हो जाता है तो समाज ज्यादा सुरक्षित होगा ,सुरक्षा कर्मियों का सदुपयोग होगा और देश का हर नागरिक अपने को वी वी आई पी महसूस करेगा |हमें उम्मीद करनी चाहिए की केंद्र के साथ – साथ राज्य सरकारें भी हर उस अनावश्यक प्रतीक और व्यवस्था को जल्द से जल्द हटाने का निर्णय लेकर देश के लोकतान्त्रिक ढाँचे को और मजबूत करेंगी |