विधान परिषद् के चुनाव में घमासान

उत्तर प्रदेश चुनाव से अलग बिहार के सियासत में आया है तूफान।राजनितिक दंगल में शुरू है नूरा कुश्ती। बिहार में विधानपरिषद का चुनाव होना है और प्रत्याशी नामांकन पर्चा भी भर रहे हैं,और इस बीच बिहार के दोनों गठबन्धन महागठबन्धन और एन डी ए में मचा है बवाल।
वीओ-1-बिहार में विधान परिषद् की चार सीटों पर होने हैं चुनाव।चुनाव होना है सारण स्नातक,गया शिक्षक,गया स्नातक और कोसी शिक्षक सीट पर।इन चारों सीट के लिए नामांकन शुरू हो चूका है और 9 मार्च को चुनाव भी होने हैं।मगर पेंच फंसा है सीट के बंटवारे को लेकर,स्थिति ऐसी की सीट की लूट शुरू हो गयी है।आइए सबसे पहले बात करते हैं कि गया सीट पर महागठबंधन में तकरार क्यों पैदा हो रही है ? दरअसल, गया सीट पर गठबंधन में सहयोगी पार्टी कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाह रही थी लेकिन राजद ने गया की दोनों सीट गया शिक्षक और गया स्नातक सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।इधर जदयू ने भी सारण और कोसी पर उम्मीदवार तय कर दिया है।कांग्रेस की चर्चा तक नही और अब कांग्रेस बेचैन हो गयी है।नाराजगी बढ़ गयी है और गया के सीट पर इनकी दावेदारी बढ़ गयी है।

वीओ-2-कांग्रेस की नाराजगी को एक झटके में इनके दोनों बड़े सहयोगी ने इन्हें नकार दिया।बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी कह रहे की अब जो जीतेगा वही सीट पायेगा तो दूसरी तरफ जदयू ने सीधे पल्ला झाड़ा और कहा की ये राजद और कांग्रेस समझे,हमें क्या?
महागठबन्धन के बाद इससे कम बुरी स्थिति NDA की नहीं।NDA में तो स्थिति सीट लूट की है,चार सीट में दो बीजेपी के पास एक हम के पास और गया शिक्षक पद पर स्थिति ये की राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा तैयारी में थी और उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने दल रालोसपा से एक प्रत्याशी को पर्चा भरा दिया।बस लोजपा ने शुरू किया हंगामा और राम विलास पासवान के भाई और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस ने सभी पर सवाल उठाये।NDA के बैठक के बिना कैसे उम्मीदवार तय हुए और जीतन राम मांझी लोजपा के साथ।
तो 4 सीट पर दोनों गठबंधन सामंजस्य बनाने में चारों खाने चित्त।