शराबियों से भर गया जेल

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बिहार में नए शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद कैदियों को रखने के लिए जेल में जगह कम पड़ गई है। अब सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल, शराबबंदी के बाद बिहार में 35,000 नए कैदियों की गिरफ्तारी हुई, जिन्हें रखने के लिए जेलों की क्षमता कम है।
सरकार की मानें तो पकड़े गए 35,000 नए कैदियों को रखने के लिए राज्य सरकार जगह की कमी से जूझ रही है। राज्य सरकार पकड़े गए शराबियों को रखने के लिए जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है।
राज्य सरकार में आबकारी और मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा, ‘नए शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए कैदियों को रखने के लिए हम जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने हालांकि इस संबंध में कोई डीटेल नहीं दी। कैदियों को रखने के लिए जेलों की क्षमता बढ़ाने से संबंधित एक प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
जेल की क्षमता बढ़ाने की जब बात राजद सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया तो उन्होंने इस गम्भीर मुद्दे पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि जेल की क्षमता बढ़ाने की कोई जरूरत नही है…जरूरत है जल्दी जल्दी बेल देने की जो लोग शराब बंदी के दौरान पकडे गए है…यानि जल्दी जल्दी लोग पकडे जायेगें और जल्दी जल्दी उन्हें बेल मिल जाएगा तो जेल की क्षमता बढ़ाने की जरूरत ही नही पड़ेगी…है ना अनोखा लालू जी का उपाय…आप भी सुनिए|
गौरतलब है कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार की 58 जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे जा रहे हैं।

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