शानदार पलटवार

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आज भारतीय क्रिकेट टीम ने बेंगलुरु में शानदार पलटवार करते हुए ऑस्ट्रेलिया को ७५ रनों से हराकर मौजूदा सीरीज में १ -१ की बराबरी हासिल कर ली |दूसरे टेस्ट मैच का आज चौथा दिन था | किसी ने शायद ही कल्पना की हो कि १८७ रनों का विजय लक्ष्य मेहमान टीम के लिए दुरूह साबित होगा और वो भी तब जब की उसके पास जीत के लिए तकरीबन पौने दो दिन का अच्छा खासा वक़्त था और साथ ही था पहले टेस्ट की शानदार जीत का भरपूर आत्मविश्वास |लेकिन जैसा की हमने आपसे इस टेस्ट से पूर्व कहा था कि ,” हार के बाद ही जीत है ” |

विराट कोहली भले ही इस सीरीज में बल्ले से कमाल  नहीं दिखा पाए हैं लेकिन उनकी कप्तानी और आक्रामकता में कोई कमी नहीं है | कंगारुओं को उनकी भाषा में जवाब देना उन्हें बखूबी आता है | उनकी टीम दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम है और ये बात उसने आज बेंगलुरु में साबित कर कंगारुओं को बाकी के मुकाबलों के लिए बखूबी समझा भी दिया | पुणे में ऑस्ट्रेलिया को अगर उसके स्पिनर ओ कीफ ने जीत दिलाई  थी तो बेंगलुरु में यही करिश्मा पहली पारी में रविन्द्र जडेजा और दूसरी में रवीन्द्र चन्द्र आश्विन ने कर दिखाया | दुसरे टेस्ट की पहली पहली पारी में अगर जडेजा ने छह विकेट चटखा कर मेहमानों को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया तो दूसरी पारी में अश्विन ने छह विकेट लेकर उनका पुलिंदा बाँध दिया | अश्विन ने इस मैच में कुल आठ और जडेजा ने सात विकेट लिए | इन दोनों का बखूबी साथ निभाया उमेश यादव और इशांत शर्मा ने | भारत के इन दोनों तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है |

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ऑस्ट्रेलिया ने आज जब दूसरी पारी शुरू की तो उसके सामने महज़ १८७ रनों का लक्ष्य था | अक्सर ऐसा देखा गया है की आसान सा दिखने वाला लक्ष्य कई बार असंभव हो जाता है और आज भी वही हुआ | हमने जब १९८३ में विश्व कप जीता था तब भी बेहद शक्तिशाली वेस्ट इंडीज टीम के समक्ष हमने एक आसान सा लक्ष्य रखा था और नतीजा क्या हुआ ये हम सब जानते हैं | बेंगलुरु की पिच को देखते हुए और चौथी पारी को ध्यान में रखते हुए १८७ का लक्ष्य आसान नहीं तो बहुत मुश्किल भी नहीं था क्यूंकि कंगारू टीम के पास पर्याप्त समय था | लेकिन इशांत शर्मा ने रेनेशा का विकेट गिराकर जो नीव रखी उसपर अश्विन ने भारतीय जीत का महल खड़ा कर दिया | अश्विन के इस प्रयास को उनकी पूरी टीम और कप्तान की सूझबूझ का पूरा साथ मिला | फील्डिंग की सजावट और गेंदबाजी में जिस सूझबूझ के साथ विराट ने बदलाव किया वह काबिले तारीफ़ था |विकेट कीपर साहा की तारीफ़ न हो तो बात अधूरी रह जायेगी | जिस ढंग से आज उसने कीपिंग की  उसे लाजवाब से कम कहना कंजूसी होगी | भारत की दूसरी पारी को समेटने में हेजेल वुड की बेहतरीन गेंदबाजी का ज़िक्र भी बेहद जरूरी है जिसने छह विकेट लेकर भारत को एक बड़ी लीद लेने और ३५० के आंकड़े से काफी दूर रोक देने में निर्णायक भूमिका निभाई थी | लेकिन उसकी इस कोशिश पर अश्विन और उनके साथियों ने पानी फेर दिया | भारत की यह जीत इस लिए भी शानदार रही को जो लोग इसकी क्षमता पर सवाल खड़े करने लग गए थे उन्हें पता लग गया होगा कि किसी का मूल्यांकन करने में हड़बड़ी नहीं करनी चाहिए | दूसरी बात यह की सीरीज पूरी तरह जिंदा हो गई | अब रांची में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में जीत हासिल कर श्रंखला जीतने का अच्छा मौका कोहली एंड कम्पनी को मिल गया है वर्ना इस सीरीज का पूरा आकर्षण ही समाप्त हो जाता | के एल राहुल और पुजारा , रहाणे  के अलावा कुछ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने प्रभावित जरूर किया है लेकिन अब तक यह सीरीज गेंदबाजों के नाम है |पुणे में ओ’कीफ तो बेंगलुरु में जडेजा , नेथन लायन , हेज़ल वुड और अश्विन ने सभी को अपने – अपने कमाल से पूरा- पूरा चकित रखा | बाकी के गेंदबाजों का प्रदर्शन भी प्रभावी से कम नहीं कहा जाएगा | कुल मिलकर अबतक जीत की कुंजी गेंदबाजों के हाथ रही है |बहुत से रिकार्ड उन्होंने तोड़े हैं और बहुत से अभी टूटेंगे | रिकार्डों की बात हम विस्तार से करेंगे , लेकिन श्रंखला की समाप्ति पर | फिलहाल भारतीय टीम को उसकी जीत पर ढेरों बधाई और सीरीज के बाकी दोनों टेस्ट मैच के लिए शुभकामना |

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