संदीप को सम्मान

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भारतीय परिधान में पहुंचे थे.
संदीप अवार्ड समारोह में लाल कुर्ता पहनकर कर पहुंचे थे और भारतीय संस्कृति को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहे थे. इस दौरना संदीप ने दास ने कहा कि जब ऐसी चीजें होती हैं तो हम पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि हमने विभिन्न देशों का बहुत कुछ अपनाया है. वर्तमान में, मुझे लगता है कि हम और संगीत बनाते रहेंगे तथा और प्रेम फैलाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने में भारतीय सभ्यता की एक अलग पहचान है.पटना के सेंट जेवियर से की है संदीप ने पढ़ाई
संदीप दास का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ है. सेंट जेवियर से स्कूलिंग करने के बाद उन्होंने बीएचयू से इंग्लिश लिटरेचर पढ़ाई की संदीप दास ने बनारस घराने के पंडित किशन महाराज के शिष्य हैं. मिली जानकारी के अनुसार संदीप दास 8 साल की उम्र से तबला बजाना सीख रहे हैं. तबला प्लेयर के रूप में कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए संदीप 1990 में दिल्ली शिफ्ट कर गए. 1986 में संदीप पहली बार 15 साल की आयु में पंडित रविशंकर के साथ स्टेज शो कर चुके हैं. संदीप का जन्म 23 जनवरी 1971 को हुआ है.बताते चलें, अमेरिका स्थित नेशनल एकेडेमी ऑफ रिकॉर्डिंग एंड साइंस के द्वारा संगीत के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों हेतु दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है. इसे पहले ग्रामाफ़ोन पुरस्कार के नाम से जाना जाता था. फरवरी 2009 में मशहूर तबला वादक को ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ समकालीन संगीत एलबम की श्रेणी में ग्लोबल ड्रम के लिए दिया गया.

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