समाज को जागना होगा ……

 

images (16)

बिहार के कोने – कोने से आजकल रोजाना ऐसे समाचार आते रहते हैं कि गुंडों – शोहदों ने लड़किओं का जीना हराम कर रखा है | शायद ही ऐसा कोई दिन को जब स्कूल –कॉलेज जाने वाली लड़कियों से सरेराह बदसलूकी का समाचार अखबारों में न छपा हो | कभी पटना , कभी दरभंगा , कभी भागलपुर , कभी मुज्ज़फरपुर तो कभी गया | फुलवारीशरीफ और पटना सिटी तो ऐसे समाचारों का गढ़ बन चुका है | राज्य का शायद ही कोई ऐसा जिला या क़स्बा हो जहाँ से ऐसी ख़बरें निरंतर न आ रही हो | लड़किओं का स्कूल – कॉलेज जाना दूभर हो गया है | कई तो अपनी पढाई छोड़कर घर पर बैठने  को विवश हो चुकी हैं |

ये हाल उस राज्य का है जहाँ सुशासन का ढोल रोजाना बड़ी जोर- जोर  से पीटा जाता है | राजधानी पटना के पाश इलाके बोरिंग रोड पर दिन- दहाड़े ऐसी ही घटना हुई जब दो युवकों ने दो लड़कियों को सरेआम बालो से घसीटा | हजारों की भीड़ और पुलिस सहायता कक्ष के सामने | पुलिस ने ठीक वही किया जिसकी उससे उम्मीद रहती है , यानी की आँखे मूंद लेने की | लड़कियों ने गुहार लगाईं तो बेशर्मी से कह दिया ,” थाने जाओ “ | वहां पंहुची तो दरोगाजी ने रिपोर्ट लिखने से साफ़ मना कर दिया | उल्टा ये भी कहा कि ,” इससे कुछ नहीं होने वाला “| ये तो भला हो नगर कोतवाल का जिन्होंने खबर छपने के बाद उन दरोगाजी को निलंबित कर पुलिस विभाग की नाक कुछ हद तक बचने की कोशिश की | सवाल ये उठता है कि सरकारी दावों और पुलिसिया रवैये को कोसने से क्या इस समस्या का हल निकल आएगा | जवाब है , नहीं कत्तई नहीं | हमें अपनी बेटियों पर ध्यान भी देना होगा और उन्हें बचने के लिए सामूहिक रुप से आगे भी आना होगा | नीतीश या लालू का इंतजार मत करिए | उनकी सरकार बन चुकी है और फिलहाल उसे कोई खतरा भी नज़र नहीं आता | अब उनकी नींद अगले चुनाव से पहले नहीं खुलेगी | तब – तक तो हमारी बेटिओं  – बहुओं का जीना मुहाल कर देंगे ये राजनेताओं और बड़े – बड़े अधिकारियों द्वारा पोषित – संरक्षित ये गुंडे- शोहदे | अब हमें –आप को जगाना होगा | ऐसी हर हरकत का सामजिक रूप से प्रतिरोध करना ही होगा | तमाशबीन बने रहने से काम नहीं चलेगा | शिक्षा और समझदारी की आड़ लेकर हम कब तक बुजदिली दिखाते रहेंगे | इस मामले में उनसे प्रेरणा लीजिये जो शिक्षित नहीं होने के बावजूद एकजुट होकर ऐसी हरकतों का खुलकर विरोध करते है | गलत का विरोध करने के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं होती , जरूरत होती है संवेदनशीलता की | हाँ , यहाँ यह भी जरूरी है की हम अपनी बेटियों पर भी नज़र रखें | उन्हें समय दें | गलत –सही का फर्क उन्हें समझाएं | उन्हें समय – समय पर समाज की सच्चाई और उसकी अपेक्षित सीमाओं का भी ज्ञान देते रहें | आजकल ज्यादातर अविभावक बच्चों को समय के अलावा हर चीज देते हैं | इस आदत और रवैये को बदल डालिए , परिवार के लिए अच्छा होगा | दो – चार गुंडे हजारों की भीड़ पर कब तक भारी पड़ते रहेंगे | उनके दिल – दिमाग में ये बात अच्छी  तरह बैठा दीजिये की अब हम हर चीज लिए कुम्भ करण  की नींद सोने वाली सरकार और बेशर्मी की हद तक  कर्त्तव्य विहीन हो चुके मुठी भर पुलिस वालो के भरोसे बैठने वालों में नहीं | यकीन कीजिए , बदलाव ज़रूर आएगा |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap