सर्दी में सावधानी बरतें
सर्दियां अपने साथ स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूलप्रभाव भी लेकर आती हैं, ऐसे में खुद को इससे से कैसे बचाएं और सर्दियों का पूरा मजा कैसे लें, यह अच्छी तरह जान लेने की जरूरत है। चिकित्सक की सलाह है कि सर्दियों में खूब धूप सेकें, क्योंकि ऐसा न करना विटामिन-डी की कमी, अवसाद, जोड़ों के दर्द, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी का कारण बनता है। दिन की शुरुआत नाश्ते से पहले आधा लीटर पानी पीकर करें और हर घंटे बाद उचित मात्रा में पानी पीते रहें।अगर आप गुनगुना पानी पी सकते हैं तो सोने पे सुहागा है .
चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि सर्दियों में दिल और दिमाग के दौरे या कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौतों के मामले बढ़ने लगते हैं। इसके कई कारण हैं। पहला तो दिन छोटे हो जाते हैं, जिससे हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है और शरीर में विटामिन-डी की कमी आती है। इससे दिल और दिमाग के दौरे की आशंका रहती है। ठंडे मौसम में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को रक्त और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ठंडे मौसम में खास कर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाईपरटेंशन काफी बढ़ जाता है।
सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला आरामदायक भोजन खाने लगते हैं जो डायबिटीज और हाईपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है।अच्छी सेहत के लिए सोलेबल और इनसोलेबल फाइबर से भरपूर आहार लें जिसमें इसबगोल का छिलका, सेब, ओनब्रैन और दालें खाएं। इनसोलेबल में संपूर्ण अनाज, ब्रोकली, सूखे मेवे, सीडज और वेजीटेबल स्किन शामिल होते हैं। फाइबर कई गंभीर बीमारियों से रक्षा करता है। फाइबर अपच सिंड्रोम में भी मदद करता है।अगर आप रोजाना एक कच्चा लहसुन खा सकते हैं तो बेहतर है .
उचित मात्रा में पानी पीने से ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता और बेहतर पाचन बना रहता है। अपने दिन की शुरुआत नाश्ते से पहले आधा लीटर पानी पीकर करें और हर घंटे बाद उचित मात्रा में पानी पीते रहें।
लाल सेब लाइकोपीन, हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों में बी-कॉम्पलेक्स और नारंगी वस्तुओं से विटामिन-सी मिलता है। इसी तरह मीठे, कसैले और नमकीन स्वाद वजन बढ़ाते हैं, तीखे, खप्ते और कड़वे स्वाद वजन कम करते हैं।