सूर्यदेव सिंह के परिवार के बीच गैंगवार

क्या धनबाद एक बार गैंगवार की आग में धधक उठेगा? क्या धनबाद एक बार फिर अपना इतिहास दुहरायेगा ? क्या एक बार फिर रक्तरंजित होगी कोयलांचल की धरती? मंगलवार की शाम धनबाद में जो हुआ उससे तो यही लगता है। मंगलवार की शाम धनबाद के स्टील गेट यानी सरायढेला के समीप शाम सात बजे के करीब धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्यारे बाइक पर सवार थे। नीरज समेत कुल 4 लोगो की हत्या को अंजाम देकर सभी हत्यारे भागने में सफल रहे। घटनास्थल के पास ही नीरज के चचेरे भाई झरिया के विधायक संजीव सिंह का कुंती निवास है। हमेशा काफिले में चलने वाले नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर जेएच-10 एआर 4500 से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे।वह ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर थे।पीछे की सीट पर उनका एक दोस्त अशोक यादव सरायढेला न्यू कॉलोनी निवासी और एक निजी अंगरक्षक बैठे थे। गाडी जैसे ही स्टील गेट के पास आगे बढ़ी दो दिन पहले बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम हुई। पूर्व से ही घात लगाए दो बाइक पर सवार चार हमलावरों ने एके 47 हथियार से लैश फॉर्च्यूनर को चारों तरफ से घेर कर गोलियों की बरसात कर दी। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। कोई कुछ समझ पाता तबतक चारों तरफ शीशे पर गोलियों की कोई 50 सुराख बनाकर कर अपराधी फरार हो गए। हालांकि घटनास्थल से नीरज सिंह का घर “गुरुकुल” भी महज सौ मीटर की दुरी पर ही है। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में नीरज के हथियारबंद समर्थकों ने अस्पताल में हंगामा किया। साथ ही स्थानीय लोगों ने इस दौरान मौके पर मौजूद सिटी एसपी के साथ भी धक्कामुक्की की। इसके बाद अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में सीआईएसएफ जवानों की की तैनाती कर दी गई है।
मृतक नीरज सिंह कोयलांचल के बेताज बादशाह रहे स्व. सूर्य देव सिंह के भतीजे थे। नीरज के पिता राजनारायण सिंह का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था। हालांकि सूर्यदेव सिंह के परिवार से उनकी नहीं पट रही थी। सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह झरिया से विधायक हैं। इस चुनाव में नीरज कांग्रेस की टिकट से अपने भाई के खिलाफ ही मैदान में था लेकिन हार गए थे। लेकिन दोनों में वर्चस्व की जंग दिनों दिन बढ़ ही रही थी। गत 29 जनवरी की शाम रघुकुल के पास ही संजीव सिंह के खासमखास रंजय सिंह की सरेशाम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उस घटना के बाद नीरज सिंह ने कहा था कि वह हत्या की राजनीति में विश्वास नहीं करते।इसलिए दबी जुबान लोग इस घटना को रंजय की हत्या से भी जोड़कर देख रहे है।लेकिन जानकार बाते है कि जब घटना हुई संजीव सिंह अपने घर में ही था और कोई इतना बेवकूफ नहीं की घर के सामने ही ऐसी घटना को अंजाम दे सूत्र बताते हैं कि दो भाईयो की इस लड़ाई का किसी तीसरे ने फायदा उठाया है। जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उससे भी साफ़ है कि हत्यारे प्रोफेशनल शूटर थे। हालाँकि घटना के बाद पूरे इलाके तनाव है।