सौदा 50 करोड़ में

बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा के पेपर लीक मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। अब तक की जांच में यह पता चला है कि पेपर लीक करने का सौदा 50 करोड़ से अधिक में तय हुआ था। एसआईटी सूत्रों के अनुसार प्रति छात्र 5 से 6 लाख रुपए में डील हुई थी। बतौर एडवांस 40 से 50 प्रतिशत राशि का पेमेंट किया गया था।
सचिव परमेश्वर भी गिरफतारी के बाद कहा था कि इस खेल में वो केवल एक मोहरा है,बड़े बड़े नेता और मंत्री इसमें शामिल है।आज कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष जो कभी भी इस गिरफ्तार किए जा सकते है उनका भी मानना है कि पैरवी काफी बड़े बड़े लोगो की आती थी और कुछ बड़े लोग तो सीधा आफिस में पहुँच जाते थे-
शुरुआती जांच में पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, वैशाली व छपरा में पकड़े गए फर्जीवाड़े में अब तक करीब 100 छात्रों को पास कराने की डीलिंग का खुलासा हुआ है। यानी 2 से 3 करोड़ रुपए अग्रिम राशि के रूप में परीक्षा माफिया के नेटवर्क के पास इम्तिहान से पहले पहुंच चुके थे। इसकी गवाही कुछ गिरफ्तार सेटर व दलालों का बैंक एकाउंट भी दे रहा है।वैसे यह आंकड़ा दो चरणों से जुड़ा है, जबकि परीक्षा चार चरणों में होनी थी। ऐसी स्थिति में 500 से अधिक छात्रों के साथ डीलिंग होने की आशंका जताई जा रही है।