“हंगामा है क्यूँ बरपा “
सम्पादकीय
हमारा देश गांधी ,बिनोबा,जे .पी .और मदर टेरेसा जैसी तमाम हस्तियों से भरा पड़ा रहा है | इन सभी ने विश्व शांति ,मानवता और समाज की मजबूती और ख़ूबसूरती के लिए अनेकों काम किये और पूरे विश्व को प्रेरित भी किया | बापू और मदर टेरेसा ( अब संत भी ) ने तो कुष्ट रोगियों की भरपूर सेवा की और लोगो को इसके लिए प्रेरणा भी दी | आज भी इनके हज़ारों – लाखों अनुयाई इस पुनीत कार्य में लगे हुए है | पर एक काम ऐसा है जिसे आज तक कोई नही कर सका | वह है भारतीय समाज से दिमागी कोढ़ मिटाने का | दुनिया चाँद पर बस्ती बनाने में लगी है और हमारे सामाजिक और धार्मिक ठेकेदार आज भी आपके कपडे पहनने के अंदाज़ से आपका चरित्र और धार्मिक पतन की सीमा तय करने के ‘रिसर्च ‘ में जुटें है |
देश के मशहूर क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी ने ‘स्लीवलेस ब्लाउज ‘ क्या पहन लिया समाज और धर्म के ठेकेदार कठमुल्ले छाती पीटने लगे और उसे ‘बेशर्म’ ,धर्मविरोधी , ‘निर्लज्ज ‘ जैसी संज्ञा से नवाजने लगे | कपड़ो से चरित्र का आंकलन करनेवालों की हमारे देश में बड़ी संख्या है | हर धर्म और तबके में इनके ‘मुखर’ प्रतिनिधि आपको मिल ही जायेंगें | यह बात अलग है की इनमे अधिकाँश ऐसे है जो खुद कम्बल ओढ़ कर घी पीने वाले है | ये महिलाओं के लिबास और उनके शरीर का भूगोल ही ताकते रहते हैं | महिलाओं की तरक्की , उपलब्धि ,नेतृत्व क्षमता और शानदार व्यक्तित्व पर इनका ध्यान कभी नही जाता | कुछ वर्ष पहले ऐसे ही कठमुल्लों और संकीर्ण सोच के प्रणेताओं ने मशहूर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा की तमाम उपलब्धिओं को नज़रंदाज़ कर उनकी टांगों पर अपनी नज़र टिका दी थी | उन्हें भी इस्लाम विरोधी , निर्लज्ज और न जाने कितने उपनाम दे दिए थे |
हमें इंतज़ार है समाज और धर्म के ऐसे दिमागी कोढियों से भारतवर्ष को निजात दिलाने वाले सैकड़ों – हज़ारों फरिश्तों की |क्यूंकि इन मरीजों की संख्या इतनी है की एक- दो फरिश्तों से इनका इलाज़ होगा नही | वो दिन मुकम्मल तौर पर कब आएगा जब हमारी नज़र महिलाओं की सिर्फ उपलब्धियां देखेंगी उनकी ड्रेस नही |