हड़ताल के कारण अबतक 12 मरीज़ों की मौत…….
मेडिकल छात्रों पर पी जी मैट की काउंसेलिंग के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये।इस कारण बुधवार को 12 मरीजों की मौत हो गयी।वहीं, इमरजेंसी वार्ड में एक भी ऑपरेशन नहीं हो सका और ओपीडी से करीब 500 मरीजों को बिना इलाज लौट जाना पड़ा।वार्डों में भरती 100 मरीज दूसरे अस्पताल चले गये।
पी एम सी एच बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है,पूरे राज्य से मरीज इस अस्पताल में आते है लेकिन हड़ताल की वजह से मरीजो का ईलाज नही हो पा रहा है।अब तक कुल 12 मरीजो की मौत हो गई है,इमरजेंसी की हालत काफी खराब है परिजनों में अस्पताल प्रशासन के प्रति गुस्सा है।
जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की पूरी व्यवस्था चड़मरा गई है…अब तक 12 मरीजो की मौत हो गई है…500 से ज्यादा मरीज बिना इलाज के लौट चुके है…100 से ज्यादा मरीज जो पी एम सी एच में भर्ती थे वह दूसरे जगह इलाज के लिए जा चुके है उसके बाद भी अब तक मरीजो को यह नही साफ हो पा रहा है कि हड़ताल कब खत्म होगी।
वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बाहर से 50 डॉक्टरों को पीएमसीएच बुलाने का निर्देश दिया गया था, जिनमें 22 डॉक्टरों ने अपनी सेवा भी दी।लेकिन, मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था का खास असर नहीं दिखा।जूनियर डॉक्टरों की माने तो जब तक उनकी मांगें पूरी नही की जाएगी तब तक वह अपनी हड़ताल नही तोड़ेंगे।
अस्पताल का दावा हड़ताल के कारण नहीं हुई मौत..अस्पताल प्रशासन का दावा है कि हड़ताल के कारण मौत नहीं हुई है। जितनी भी मौत हुई है, उन मरीजों की हालत पहले से ही गंभीर थी। इधर, हड़ताल की वजह से पीएमसीएच की इमरजेंसी वार्ड में एक भी ऑपरेशन नहीं हो सका।जबकि, आम दिनों में इमरजेंसी में पांच से छह ऑपरेशन होते हैं।
पीएमसीएच को बाहर के 50 डॉक्टर मिले है.. 22 डॉक्टरों को दोपहर तक ज्वाइन करा लिया जाएगा।इन डॉक्टरों से ओपीडी, वार्ड में मदद ली गयी।
बिहार के अन्य मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों का हाल….
एनएमसीएच : जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को काम किया।आज से वे भी हड़ताल पर चले जायेंगे।
एसकेएमसीएच : ओपीडी में आये 800 मरीज बिना इलाज लौटे।
डीएमसीएच : ओपीडी में आये 1372 मरीजों का नहीं हो सका इलाज।
जेएलएनएमसीएच : हड़ताल नहीं।
एएनएमएमसीएच : हड़ताल नहीं।