ॐ (OM) उच्चारण के 10 शारीरिक लाभ
ॐ : ओउम तीन अक्षरों से बना है|
अ उ म |
“अ” का अर्थ है उत्पन्न होना,
“उ” का तात्पर्य है उठना,उड़ना अर्थात् विकास,
“म” का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् ब्रम्हलीन हो जाना
ॐ का उच्चारण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का घोतक है|
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है |
ॐ : उच्चारण की विधि
प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकर ध्वनि का उच्चारण करें|
ॐ का उच्चारण प्द्द्मासन ,अर्धप्द्द्मासन ,सुखासन ,वज्रासन में बैठकर कर सकते है|
इसका उच्चारण 5,7,10,21,बार अपने समयानुसार कर सकते है|
ॐ जोर से बोल सकते है,धीरे-धीरे बोल सकते है|
ॐ का जाप माला से भी कर सकते है|
1) ॐ और थायरॉयड: ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरॉयड ग्रन्थि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है|
2) ॐ और घबराहट : अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नही |
3) ॐ और तनाव : यह शरीर के विषैले तत्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों परस्फूर्ति नियंत्रण करता है |
4) ॐ और खून का प्रवाह : यह ह्रदय और खून के प्रवाह को संतुलित रखता है |
5) ॐ और पाचन : ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है |
6) ॐ लाए स्फूर्ति : इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है |
7) ॐ और थकान : थकान से बचने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं |
8) ॐ और नींद : नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है |
9) ॐ और फेफड़े : कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मजबूती आती है |
10) ॐ और रीढ़ की हड्डी : ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है | इस कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी
क्षमता बढ़ जाती है |