११९० निजी स्कूल होंगे बंद

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आर टी ई  २००९ के मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले ११९० स्चूलों पर ताला लग सकता है । पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए इस आशय के प्रस्ताव पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम रामचन्द्रुडु ने मुहर लगा दी है। उन्होंने 10 फरवरी तक इसकी रिपोर्ट भी मांगी है। आरटीई के दायरे में कक्षा एक से आठ तक के स्कूल आते हैं।

इन निजी विद्यालयों को बंद करने के पहले उनमें पढ़ने वाले बच्चों का दाखिला पड़ोस के विद्यालय में कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित स्कूलों के पड़ोस के विद्यालय चिह्नित किए जाएंगे। विद्यालयों को बंद करने के पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर देने के लिए नोटिस दिया जाएगा।

बच्चों को अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पहली अप्रैल 2010 से देशभर में प्रभावी है। बिहार राज्य बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 में बनी। इस कानून के तहत सभी निजी स्कूलों को राज्य सरकार से प्रस्वीकृति लेना अनिवार्य है। प्रस्वीकृति के लिए अर्हता निर्धारित की गई। जिला स्तर पर तीन सदस्यीय समिति बनाई गई। प्रावधान है कि जो निजी स्कूल मानकों, मानदंडों एवं शर्तों पूरा नहीं करते हैं, सदस्यों द्वारा उनकी सूची बनाकर सार्वजनिक की जाएगी। जिन्हें प्रस्वीकृति नहीं मिली है, वे तीन वर्षों के अंदर मानकों, मापदंडों एवं शर्तों को पूरा कर प्रस्वीकृति के लिए फिर अनुरोध करेंगे। ऐसा नहीं करने वाले स्कूल बंद कर दिए जाएंगे।

 

ये था मामला 
पटना जिले के 1649 निजी विद्यालयों ने आरटीई-2011 के तहत प्रस्वीकृति के लिए आवेदन दिया था। तीन सदस्यीय कमेटी ने 308 स्कूलों को प्रस्वीकृति दे दी, जबकि 1190 विद्यालय आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरे। मानकों को पूरा करने के लिए उनके पास तीन साल का समय था। तीन साल की समय सीमा गुजर गई लेकिन इन निजी स्कूलों ने पटना जिला शिक्षा प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी। इसके बाद इन्हें बंद करने का प्रस्ताव डीईओ मेदो दास ने शिक्षा विभाग को भेजा था।

 प्राथमिक शिक्षा निदेशक का पक्ष 
प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम रामचन्द्रुडु ने अपने आदेश में कहा है कि जो विद्यालय तीन वर्ष की तय समय सीमा में मानकों, मानदंडों एवं शर्तों को पूरा नहीं कर सकते वे कार्य करना बंद कर देंगे। इसके लिए विद्यालय को नोटिस निर्गत किया जाना एवं विद्यालय को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना आवश्यक होगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जानना चाहा है कि इन दोनों के अलावा 1190 विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को पड़ोस के विद्यालय में नामांकित करने का नोटिस जारी हुआ है कि नहीं।

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