नौ बीवियां और ९६ बच्चे
कोई भी इस आंकड़े को देखकर दांतों तले उंगली दबा लेगा |यह आंकड़ा पाकिस्तान में १९ सालों के बाद हो रही जनगणना में सामने आया |वैसे तो पाकिस्तान भी अब अपनी बढती जनसंख्या से परेशान है ,लेकिन वहां कुछ लोग इस्लाम के नाम पर जनसंख्या पर लगाम लगाने के पक्ष नहीं हैं |ये उदाहरण भी वैसे ही लोगों से जुड़ा है |इस देश में तीन मर्द ऐसे हैं जिनकी नौ बीवियां और ९६ बच्चे हैं |सुनने में यह किसी फिल्म के नाम जैसा लगता है ..” नौ बीवियां और ९६ बच्चे ” |हांलाकि इन तीनो को इससे कोई परेशानी नहीं है |इन लोगों का मानना है कि , मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करना चाहिए |इनका कहना है कि ,इस्लाम परिवार नियोजन की इजाजत नहीं देता और अल्लाह भारी -भरकम परिवार की ज़रुरतें पूरी कर देता है |३६ बच्चों के पिता गुलजार खान का कहना है कि ,अल्लाह ने पूरी दुनिया और इंसानों को बनाया है तो बच्चों को पैदा करने की प्राकृतिक प्रक्रिया को रोकने वाला मैं कौन होता हूं |कबायली इलाके बन्नू के रहने वाले ५७ वर्षीय गुलजार की तीसरी पत्नी गर्भवती है |वे कहते हैं , हम मजबूत होना चाहते हैं |उनके मुताबिक क्रिकेट मैच खेलने के लिए उनके बच्चों को दोस्तों की जरूरत नहीं पड़ती |गुलजार के ७० वर्षीय भाई मस्तान खान वजीर की भी तीन बीवियां हैं |उनके २२ बच्चें हैं |उनका कहना है कि ,उनके पोते -पोतियों की इतनी संख्या है कि वो गिन नहीं पाते |उनका कहना है कि, अल्लाह ने वादा किया है कि वह खाना और सभी कुछ देंगे |बलूचिस्तान के क्वेटा में रहने वाले जान मोहम्मद के ३८ बच्चे हैं |गत वर्ष उन्होंने चौथी शादी की इच्छा जताई थी क्यूंकि उनका लक्ष्य १०० बच्चे पैदा करना है |अब उनसे कोई भी महिला शादी नहीं करना चाहती लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है |उनका कहना है कि , मुस्लिमों के ढेरों बच्चे होने चाहिए ताकि उनके दुश्मन उनसे डरें |भाई , हम तो इतना ही कहेंगे की इस्लाम को मजबूत करने का यह सबसे कमज़ोर तरीका है ,आगे आप की मर्ज़ी |