नीतिश के मानव श्रंखला पर कोर्ट की नजर टेढ़ी हुई

पटना उच्च न्यायालय ने शराबबंदी के पक्ष में 21 जनवरी को पूरे राज्य में बनने वाले मानव श्रृंखला को लेकर सरकार से जवाब तलब किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधीर सिंह की कोर्ट ने बुधवार को अधिवक्ता सुशील कुमार की जनहित याचिका पर सरकार से चौबीस घंटे के भीतर जवाब देने को कहा. इस मामले में पूरी रिपोर्ट के साथ गुरुवार को फिर सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि आखिर किस कानून के तहत 21 जनवरी को सभी नेशनल हाइवे पर पांच घंटे आवागमन को बंद कर दिया गया है. किस कानून के तहत स्कूली बच्चों को सड़क पर उतरने को कहा गया. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की. सुनवाई के दौरान कहा कि क्या सरकार बच्चों को शराब के बारे में जानकारी देना चाहती है.
सरकार से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि मानव श्रृंखला के नाम पर सरकार ने तमाशा मचा रखा है. स्कूली बच्चों को मानव श्रृंखला में शामिल होने का आदेश दिया गया है. सभी सरकारी कामकाज काे बंद कर मानव श्रृंखला में शामिल होने को कहा गया है. पांच घंटे तक पूरा प्रदेश ठप रहेगा. इस दौरान किसी की मौत हो गयी या इलाज के लिए बाहर निकलना पड़ा तो इसके लिए सरकार ने क्या प्रबंध किया है. कोर्ट ने इन बिंदुओं पर सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी. गौरतलब है कि नशामुक्ति के पक्ष में सरकार 21 जनवरी को दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने जा रही है. इसमें दो करोड़ लोग शामिल हाेंगे. सेटेलाइट रिकार्डिंग के लिए इसरो और नासा से संपर्क किया जा रहा है.
कड़ी नाराजगी जतायी
बिहार सरकार के इस कार्यक्रम पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने यह भी पूछा कि कोर्ट किस कानून के तहत 21 जनवरी को बिहार से गुजरने वाली सभी नेशनल और स्टेट हाइवे को वाहनों के परिचालन के लिए पांच घंटे तक बंद करेगी. गौरतलब हो कि पूरे बिहार में 21 जनवरी को विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी जोरों पर है. मानव श्रृंखला में बेहतर परफार्म करने वाले को बिहार दिवस पर सरकार की ओर से इनाम देने की घोषणा भी की गयी है. यह मानव श्रृंखला पूरे बिहार में निकाली जायेगी. इसकी फोटोग्राफी के लिये नासा और इसरो से भी संपर्क साधा गया है. तैयारियों पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाये हुए हैं.
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