कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष ने दो कार्टेल को अस्पताल के ठेके दिलाने में मदद की थी. करप्शन केस में सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में ये खुलासा किया गया है. विशेष अदालत ने चार्जशीट को रिकॉर्ड में ले लिया है, लेकिन उसने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया है, क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने संदीप घोष और अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है.
पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष ने 12 अगस्त को लेडी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के मामले की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सीबीआई ने चार्जशीट में उनका, मेडिकल कॉलेज के पूर्व हाउस स्टाफ आशीष कुमार पांडे और मां तारा ट्रेडर्स के व्यवसायी बिप्लब सिंहा, हाजरा मेडिकल की सुमन हाजरा और ईशान कैफे के अफसर अली खान का नाम लिया है. सीबीआई ने कई न्यूक्तियों में भी नियमों का उल्लंघन का दावा किया है.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “यह मामला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित कलकत्ता के माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में दर्ज किया गया था.” सीबीआई ने आरोप लगाया है कि संदीप घोष और आशीष पांडे ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कई डॉक्टरों को हाउस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया. कई ठेके हासिल करने में दो कार्टेलों की मदद भी की थी.