आसपास का माहौल, लोगों का व्यवहार और जीवन में पलपल बदलने वाली स्थितियां नकारात्मक विचारों का कारण बनने लगती हैं. लेकिन ये नेगेटिव विचार इंसान की मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. इससे लाइफ के गोल्स को पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है और व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाता है.
नेशनल हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर 20 में से एक व्यक्ति मानसिक समस्या का शिकार है. 15 साल की आयु से लेकर 49 की उम्र के अधिकतर लोग इस समस्या से ग्रस्त हैं. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, जीवन में व्यक्ति सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाता है, जिससे नकारात्मकता की ओर बढ़ने लगता है. नेगेटिव विचारधारा वाला व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर रिएक्ट करने लगता है, अकेले रहने लगता है, दूसरों से अपनी तुलना करता है और खुद की केयर करना भी छोड़ देता है.
1. संतुष्ट रहना सीखें- हर व्यक्ति का जीवन एक दूसरे से अलग है. जाहिर है उसकी खुशियां और गम भी दूसरे व्यक्ति से अलग ही होगें. ऐसे में व्यक्ति का तुलनात्मक व्यवहार उसकी लाइफ में नकारात्मकता का कारण बनने लगता है. अपने आपको खुश रखने के लिए, जो है और जितना है उसमें संतुष्ट रहने का प्रयास करें. इसके अलावा खुद को व्यस्त रखने की भी कोशिश करें.
2. परफेक्शन के पीछे भागना बंद करें- कई बार किसी काम को परफेक्ट बनाने में व्यक्ति का आवश्यकता से अधिक समय खराब होने लगता है. इससे मन में जहां एक तरफ गिल्ट तो दूसरी तरफ नेगेटीविटी बढ़ने लगती है. इसलिए हर परिस्थिति में खुद को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए.
3. दूसरों की सोच को खुद पर हावी ना होने दें- परिवार, रिश्तेदार या दोस्तों के अनुसार लाइफ जीना छोड़कर अपने जीवन की जिम्मेदारी खुद लें. अन्य लोगों की विचारधाराएं और दृष्टिकोण को खुद पर हावी न होने दें. उनकी पसंद और नापसंद को इग्नोर करके अपने अनुसार जीवन जिएं और उनकी कही बातों के मुताबिक निर्णय लेने से बचें. दूसरों की बातों को नजरअंदाज करके जीवन में आगे बढ़ने से नकारात्मकता से बचा जा सकता है.
4. खुद की तुलना दूसरों से ना करें- आपके पास जो भी है, उसके लिए शुक्रगुजार रहें. अपनी तुलना दूसरों से करने में इंसान का मन नेगेटिव विचारों से भर जाता है. इसलिए अपनी जरूरतों पर फोकस करें ना कि दूसरों की नकल करें.
5. सेल्फ लव करना सीखें- अपना ध्यान खुद रखें. रोजाना एक्सरसाइज करें, समय पर सोएं, हेल्दी खाना खाएं, करीबियों के साथ वक्त बिताएं. ये सब करने से आपके जीवन में सकारात्मकता आएगी.
6. नेगेटिव लोगों से दूर रहें- जब हम नेगेटिव लोगों के करीब होते हैं तो ना चाहते हुए भी हमारे अंदर नकारात्मक विचार घर करने लगते हैं. इसलिए ऐसे लोगों के साथ रहें, जो आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
7. अपनी क्षमता के मुताबिक लक्ष्य तय करें- कई बार अपनी क्षमताओं से ज्यादा गोल्स सेट कर लेने से व्यक्ति उन्हें पूरा नहीं कर पाता है. ऐसे में नकारात्मकता की तरफ बढ़ने लगता है. दूसरों को देखकर भविष्य के फैसले लेने से बचें. अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उसके अनुसार किसी भी लक्ष्य का निर्धारण करें.