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बाल सुधार गृह में बच्चों के लिए नई पहल
– फोटो : अमर उजाला

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औरंगाबाद जिले के बाल सुधार गृह प्लेस ऑफ सेफ्टी में संसीमित विधि विरुद्ध बालकों को अब पढ़ने के लिए कहानी की किताबें और धार्मिक पुस्तकें मिलेंगी। इसे पढ़कर न केवल उनका ज्ञानवर्द्धन होगा, बल्कि धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन से मिलने वाले नैतिक ज्ञान से वे अपराध से भी विमुख हो सकेंगे।

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दरअसल, इन बच्चों को अध्ययन के लिए पुस्तक उपलब्ध कराने की पहल औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने की है। शास्त्री गुरुवार को जिला निरीक्षण समिति के अध्यक्ष की हैसियत से औरंगाबाद के बभंडी स्थित प्लेस ऑफ सेफ्टी का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने बाल सुधार गृह के संचालनकर्ता विभाग बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को संसीमित विधि विरुद्ध बालकों को पढ़ने के लिए कहानी की किताबें और धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

साफ-सफाई और बच्चों को दिए जा रहे वस्त्र-भोजन पर डीएम ने जताया संतोष

इस दौरान जिलाधिकारी ने प्लेस ऑफ सेफ्टी की साफ-सफाई की स्थिति, आवासित बालकों को मुहैया कराए जा रहे भोजन एवं वस्त्र की गुणवता पर भी संतोष जाहिर किया। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में बच्चों से भी बातचीत की और संस्थान में मौजूद कर्मियों को आवासित बच्चों का उचित तरीके से देखभाल करने का निर्देश दिया। निरीक्षण में औरंगाबाद के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय-01), बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), किशोर न्याय परिषद के सदस्य अरुण कुमार सिंह एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

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