आसान नहीं होगी इस बार चैंपियंस ट्रॉफी की राह
लन्दन में एक जून से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी में गत विजेता भारत की राह आसान नहीं लगती |आई सी सी द्वारा १९९८ में शुरू किया गया यह टूर्नामेंट विश्व कप क्रिकेट के बाद सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला है जिसे हर टीम जी – जान लगाकर जीतना चाहती है |भारत को इस बार अपना पहला मैच ४ जून को अपने परंपरागत प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से खेलना है |आठ जून को भारत श्रीलंका से भिड़ेगा जबकि ११ जून को उसकी टक्कर दक्षिण अफ्रीका से होगी |२०१३ में भारतीय टीम के कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी ,और इस बार कप्तान हैं विराट कोहली |२०१३ के फाइनल में भारत ने इंग्लैण्ड को रोमांचक मुकाबले में पांच रन से हराया था |इस बार भी इंग्लैण्ड रवाना होने से पूर्व टीम के कप्तान विराट कोहली ने बेहतरीन प्रदर्शन का भरोसा दिलाया है |उन्होंने अपनी टीम को एक संतुलित और सशक्त टीम बताते हुए धोनी और युवराज को स्तम्भ करार दिया है |
इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारी टीम संतुलित है और किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है |हो भी क्यूं न ,जिस टीम में धोनी ,कोहली ,युवराज ,शिखर धवन और रोहित शर्मा जैसे खिलाडी हो उसे कैसी चिंता |हमारे गेंदबाजों में भी काफी दम है |अश्विन से लेकर जसप्रीत बुमराह तक सभी मारक क्षमता रखते हैं और मोहम्मद शामी के आ जाने से उसका संतुलन और भी बेहतर हो गया है |इसके अलावा अजिंक्य रहाणे जैसा बल्लेबाज और रवीन्द्र जडेजा जैसा आल राउंडर भी है जिस पर कोई भी टीम भरोसा कर सकती है |ये बात भी अपनी जगह सही है कि टूर्नामेंट की अन्य टीमें भी इतनी शशक्त नज़र नहीं आ रहीं जो ज्यादा चिंता का कारण बने |फिर भी इतना तो तय है कि यह मुकाबला बहुत बड़ा है और सभी टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ देंगी |ऐसे में भारत के कुछ खिलाडियों के मौजूदा फार्म को लेकर कुछ चिंता तो हो ही रही है |४७ दिनों तक चले आई पी एल टूर्नामेंट ने हमारे खिलाडियों को थका दिया है और उस पर कुछ खास खिलाडी ऐसे हैं जो आई पी एल में में कुछ ख़ास नहीं कर सके हैं |कप्तान विराट कोहली,धोनी ,युवराज ,रोहित शर्मा ,केदार जाधव और रवीन्द्र जडेजा ऐसे ही नाम हैं |अगर जाधव को छोड़ दें तो बाकी सभी नाम बहुत बड़े हैं और इन सबके पास लम्बा अनुभव भी है |इनके रिकार्ड भी लाजवाब हैं ,लेकिन मौजूदा फार्म चिंतित करने का कारण हैं |आई पी एल में इन सभी के प्रदर्शन ने उनके चाहने वालों को निराश ही किया |रोहित शर्मा ने १७ मैच में ३३३ रन ,धोनी ने १६ मैच में २९० रन ,कोहली ने १० मैच में ३०८ रन ,युवराज ने १२ मैच में २५२ रन और केदार जाधव ने १३ मैच में २६७ रन बनाये |रवीन्द्र जडेजा गेंद और बल्ले ,दोनों से ही कुछ ऐसा नहीं कर सके जिसे बेहतरीन कहा जा सके |अश्विन तो इस टूर्नामेंट में खेले ही नहीं और मेडिकल अवकाश पर थे |मो.सामी की वापसी भी चोट के बाद हुई है |हाँ शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे ने जरूर रन जुटाए और दमदार भी दिखे |अब इन तथ्यों के आईने में इतना सोचना तो बनता है कि ,हमारे टीम के अधिकांश खिलाडियों का फार्म में लौटना जरूरी है |चैंपियंस ट्राफी एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है जिसमे सभी टीमें अपना १०० प्रतिशत देती हैं |कप्तान कोहली के हौसले बुलंद हैं और उनके साथ १३० करोड़ भारतीय भी खड़े हैं इसके बावजूद हम निश्चिन्त नहीं हो सकते |इंग्लैण्ड के मौसम में मेजबान इंग्लैण्ड ,और दक्षिण अफ्रीका से खास सतर्क रहने की जरूरत होगी |सबसे बड़ी जरूरत होगी भारत के अहम् खिलाडियों के फार्म में लौट आने की |अगर ऐसा हो जाता है तो फिर किसी भी टीम के लिए भारत को हरा पाना बेहद मुश्किल होगा |हमारे अधिकाँश खिलाडी ये जानते हैं कि मैच को अपने पक्ष में कैसे मोड़ा जाए |कोहली ने रवाव्न्गी से पूर्व एक बात और कही है कि ,पाकिस्तान के खिलाफ भी हमारा मैच अन्य मैच की तरह ही होगा |शायद वे उस दवाव को सार्वजानिक नहीं करना चाह रहे थे जो इन दोनों देशो के बीच होने वाले हर मैच में होता है |क्रिकेट प्रेमी जानते हैं और भारत का हर क्रिकेटर भी की भारत – पाकिस्तान के बीच होने वाले हर मैच में क्रिकेट के अलावा भी कुछ होता है जो मुकाबले के तनाव और रोमांच को चरम पर पहुंचा देता है |बहरहाल ,तमाम भारत वासियों की दुआएं भारतीय टीम के साथ रहेंगी और हम सभी उनके इस बार भी चैंपियन होकर लौटने का बेताबी से इंतजार करेंगे |