सतयुग से कलयुग तक के शत्रु ……
सतयुग
सतयुग में मानव के शत्रु अलग लोको में निवास करते थे अत: सतयुग के सारे युद्ध देवलोक और असुरलोक के बिच हुए और वो दो प्रवृतियों के बिच का युद्ध था|
त्रेतायुग
त्रेता में युद्ध दो राजाओ के बिच थे राम अयोध्या के राजा थे तो रावण लंका का|
द्वापर
द्वापर में युद्ध परिवारों के बिच हुआ जैसे कृष्ण ने अपने मामा कंश का वध किया और पांड्वो ने अपने चचेरे भाईयो का दमन किया|
कलयुग
कलयुग में शत्रु मनुष्य के अंदर प्रवेश करके बैठा है अत: ये युद्ध अब मानव को अपने आप से लड़ना है खुद ताकि वो खुद को शुद्ध कर सके ताकि पुन: स्वच्छ आत्माओ के समायोजन से सतयुग का सृजन किया जा सके| अन्यथा अंदर प्रवेश करके बैठा असुरायन धीरे धीरे मानव सभ्यता के अस्तित्त्व को खा जायेगा, समाप्त कर देगा|
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