बिहार के फेल विद्यार्थि हो रहे ब्लैक मेल

  इंटर के रिजल्ट को लेकर चल रहा बवाल अभी थमा भी नहीं था की मैट्रिक के रिजल्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है . साइबर अपराधियों ने बिहार मैट्रिक परीक्षा में भी घुसपैठ कर ली है। परीक्षा में ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का पूरा डाटा साइबर अपराधियों के हाथ लग चुका है। इस डाटा के आधार पर छात्रों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। उनसे पैसे की उगाही हो रही है। हालाँकि इससे पहले इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों से उगाही का धंधा चल रहा था। अब मैट्रिक के परीक्षार्थी साइबर टागरेट पर हैं। इन गड़बड़ियो को देखते हुए बोर्ड ने मैट्रिक का रिजल्ट घोषित करने की तिथि एक सप्ताह बढ़ा दी है लेकिन सवाल उठता है गड़बड़ी किस प्रकार की हुई थी और क्या उसे ठीक किया जा सकेगा
बिहार बोर्ड की मैट्रिक का रिजल्ट पहले १५ जून को प्रकशित होने वाला था लेकिन अब उसे बढाकर २० जून कर दिया गया है हालाँकि यह भी अभी अनुमान ही है .इंटर के ख़राब रिजल्ट को देखते हुए मैट्रिक के स्टूडेंट्स और उनके गार्डियन की धड़कने बढ़ी हुई है लेकिन ऐसे में साइबर अपराधियों के खेल उन्हें और मुसीबत में डाल दिया है . बिहार के पश्चिम चंपारण बेतिया की रहने वाली प्रिया ने इस वर्ष मैट्रिक की परीछा दी है . प्रिया के पाद दो दिन पहले एक फोन आया .फोन करने वाले ने बताया की वह बोर्ड ऑफिस से बोल रहा है उसने प्रिया का रोक कोड और रोल नंबर सहित उसकी पूरी जानकारी भी दिया और बोला की तुम दो सब्जेक्ट मैथ और संस्कृत में फेल हो यदि पास होना है तो ४५०० रुँपये देने होंगे . प्रिया इस बात से दंग थी की फोन करने वाले ने जानकारी दी थी वह सही थी लेकिन उसपर कैसे यकीन करे यह समझ में नहीं आ रहा था ….उसने प्रिया को बैंक एकाउंट नंबर भी दिए थे .मिडिया के कैमरे के सामने भी जब प्रिया ने उस शख्स से बात की वो पैसे की डिमांड कर रहा था …हालाँकि ऐसे फोन सिर्फ प्रिया को ही नहीं बल्कि  राज्य भर में छात्रों के परिजनों को ताबड़तोड़ फोन जा रहे हैं। फोन करने वाले पुरुष और महिला दोनों हैं। उनके पास संबंधित परीक्षार्थी के बारे में पुख्ता जानकारी होती है। परीक्षार्थी का नाम, स्कूल, पिता का नाम, घर का पता सबकुछ। यह बिना डाटा हाथ लगे संभव ही नहीं। बिहार ही नहीं, संभवत: देश में यह अपने तरह का पहला अपराध है। खासबात यह है कि ऐसे ही काल इंटर के रिजल्ट के पहले कई स्टूडेंट्स को आये थे और जिन लोगो ने पैसे नहीं दिए रिजल्ट आने पर सच में वो उस सब्जेक्ट में फेल थे . उनमें से कुछ अभ्यर्थी इंटरमीडिएट की परीक्षा में कमोबेश उतने ही नंबर से फेल भी कर गए।और अब ऐसा ही मैट्रिक के रिजल्ट के पहले भी हो रहा है .
हालाँकि जब इस बोर्ड के अध्यछ आनंद किशोर डाटा की चोरी से इनकार कर रहे है . लेकिन आनंद किशोर ने बताया की इस तरह की काल की शिकायते लगातार उन तक भी आ रही है और अब तक बोर्ड द्वारा ऐसे काल को लेकर तेरह प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज करवाई जा चुकी है . लेकिन डाटा उन फोन करने वालो तक कैसे पहुंचा इसको लेकर उनका बड़ा ही अजोबो गरीब बयान है . आनंद किशोर कहते है इस बार सभी आवेदन ऑनलाइन लिए गए थे .कई स्कुलो द्वारा साइबर कैफे के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किये गए थे हो सकता है ये डाटा वही से ओपरेटर द्वारा या किसी जानने वाले द्वारा गायब किया गया है . हालाँकि उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं था की इंटर परीछा के पूर्व जो दावा फोन करने वाले ने किया था वह सही साबित भी हुए थे .।
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा, जिस तरह की शिकायतें आ रही हैं उसके अनुसार तय है कि डाटा कहीं न कहीं से लीक हुआ है। साइबर एक्सपर्ट की मदद से इस केस का अनुसंधान किया जाएगा।
फोन उन्हीं नंबरों पर आ रहे हैं जो ऑनलाइन आवेदन के वक्त अभ्यर्थियों ने फार्म में दर्ज किया था। यह फोन करने वालों तक पहुंचा कैसे? सबसे बड़ा सवाल है कि परीक्षार्थियों से संबंधित डाटा आखिर लीक कहां से हुआ? साइबर एक्सपर्ट्स डाटा लीकेज को गंभीर बात मानते हैं। कहते हैं इसका सीधा अर्थ यह है कि पूरी प्रक्रिया में उस स्तर की सावधानी नहीं बरती गई कि डाटा लीक न हो पाए। मोडस ऑपरेंडी (तौर-तरीका) है कि डाटा किसी खास जगह से ही लीक हुआ या हो रहा है। पास और फेल कराने वाला साइबर क्राइम का यह नया चेहरा बिहार में इंटरमीडिएट और अब मैट्रिक परीक्षा में सामने आया है। यह बात भी सामने आई कि बिहारशरीफ और कतरीसराय और उसके आसपास एक एक पूरा गिरोह काम करता है जो साइबर क्राइम से जुड़ा है। इस मामले में भी कुछ फोन कॉल का लोकेशन और बैंक खातों का पता नालंदा जिला का ही सामने आ रहा है। कुछ खातों में पैसे जिस दिन जमा हुए, उसी दिन निकल भी गए।
ठग के दिए गए खाता नंबर में जिस दिन पैसा डाला, उसी दिन हो गई निकासी
केस-1 : नवादा के अकबरपुर के मनोज कुमार के पास एक लड़की का शनिवार को फोन आया। उसने खुद को बोर्ड स्टाफ बताया। स्कूल का नाम, रौल नंबर और पता बता कहा, आपका बेटा मैट्रिक में दो विषय में फेल हो रहा है। 5000 दें, पास करा देंगे। उसने खाता नं. भी दिया। मंगलवार को फिर फोन आया- आज आखिरी दिन है पैसे दे दें।
केस-2 : नरकटियागंज के बेलसंडी की रहने वाली एक युवती के फोन पर ऐसा ही मैसेज आया। युवती के संबंधी वाल्मिकी कुमार आर्थिक अपराध इकाई में हैं। युवती को फोन करने वाले ने कहा कि वह फिजिक्स और केमेस्ट्री में फेल कर रही है। पांच हजार रुपए देकर पास हो सकती है। पैसे डालने के लिए खाता नंबर-61337867137 बताया गया।
केस-3 : रोहतास के एक रिटायर्ड हेडमास्टर के पोते ने इस बार मैट्रिक की परीक्षा दी है। ऑनलाइन आवेदन के दौरान पियूष ने अपने दादा जी का मोबाइल नंबर दिया था। उसपर फोन आया कि पियूष को 295 नंबर आए हैं और रुपए देने पर वह फर्स्ट डिवीजन के नंबर पा सकता है। एक नंबर के 600 रुपए लगेंगे।

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