भारत के झंडे में ब्रिटैन का यूनियन जैक जुड़वाना चाहते थे गाँधी, मारपीट की आ गयी थी नौबत !
साभार: दैनिक भारत
भारत के मौजूदा झंडे को आप अच्छे से पहचानते होंगे
3 रंग है और 24 तिल्लियां बीच में
ये झंडा कांग्रेस कमिटी ने ही डिज़ाइन किया था, तिरंगा 1947 से पहले से ही मौजूद था
ये असल में कांग्रेस का झंडा हुआ करता था, बीच में 24 तिल्लियां नहीं थी, चरखा हुआ करता था, और अन्य भी डिज़ाइन थे तिरंगे के
मोहम्मद इस्माइल खान
एक मुस्लिम नेता हुआ करता था जिसका नाम था मोहम्मद इस्माइल खान, जो की मुस्लिम लीग का नेता था
नेहरू ने 1937 में मोहम्मद इस्माइल खान को पत्र लिखा था
जिसमे नेहरू ने मोहम्मद इस्माइल खान को खुश करने की कोशिश की थी
नेहरू ने अपनी तारीफ करते हुए इस चिट्ठी में लिखा था
“सिख संगठन और हिन्दू महासभा (हिन्दू संगठन), भगवा रंग का झंडा इस्तेमाल करते है
पर मैंने तिरंगा इस्तेमाल किया, और मैंने इसमें हरा रंग भी डलवाया ताकि इस से मुस्लिमो का सम्मान हो सके”
बाद में भारत 1947 में आज़ाद हुआ
और सत्ता कांग्रेस कमिटी को मिली, इस कमिटी ने पटेल को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना था पर गाँधी ने दादागिरी करते हुए लोकतंत्र की हत्या कर इस फैसले के खिलाफ वीटो कर नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया
नेहरू ने कांग्रेस के तिरंगे को ही भारत का झंडा घोषित करवाया, पर नया डिज़ाइन कर इसमें 24 तिल्लियां लगा दी गई जो बीच में आज आप देखते है
पर ये फैसला नेहरू ने गाँधी के साथ मिलकर लिया
असल में कांग्रेस की कमिटी ने भारत के झंडे के लिए “भगवा ध्वज” ही चुना था
पर इस फैसले के खिलाफ भी गाँधी और नेहरू ने दादागिरी करते हुए वीटो कर दिया
पर यहाँ एक बड़ी जानकारी जो आपके पास बेशक नहीं होगी, क्यूंकि ये गाँधी से जुडी हुई है
और छुपाई जाती है
मोहनदास गाँधी ने 19 जुलाई 1947 को दिल्ली में एक भाषण दिया था जिसमे उसने कांग्रेस कमिटी की आलोचना की थी, मोहनदास गाँधी ने अंग्रेजों पर कहा था की
ब्रिटिश यूनियन जैक
“अंग्रेज हमे सत्ता देकर गए है, अब सत्ता हमारे पास है, हमे भी अंग्रेजों के सम्मान में भारत के झंडे में छोड़ा सा ब्रिटिश यूनियन जैक “ब्रिटिश झंडा” लगाना चाहिए
तिरंगे के एक कोने में ब्रिटिश झंडा लगाना बेहतर है, पर कांग्रेस कमिटी ने मेरी बात नहीं मानी और हाथापाई की
नौबत आ गयी जिसके बाद मैंने ये मुद्दा वापस नहीं उठाया”
गाँधी भारत के झंडे में ब्रिटैन का छोटा सा झंडा भी चाहता था