रिसर्च में हुआ नारियल तेल से जुड़ा चौका देने वाला खुलासा
नारियल के तेल को गुणों से भरपूर माना जाता है। सेहत से लेकर खूबसूरती बढ़ाने के लिए प्रयोग में आने वाला नारियल तेल को स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे तेलों में से एक माना जाता रहा है। हाल ही में रिपोर्ट से सामने आया है कि नारियल के तेल से दिल की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित ‘फैट्स कार्डियोवेस्कूलर डिसीज’ जर्नल में नारियल तेल के बारे में चौका देने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, नारियल का तेल का सेवन मक्खन और सैचुरेटेड फैट्स के अन्य स्त्रोत से भी बदतर है। एसोसिएशन ने कहा ‘क्लिनिकल ट्रायल्स जिसमें सैचुरेटेड फैट्स को पाॅलीअनसैचुरेटेड फैट्स से बदलने के लिए इस्तेमाल किया गया था। सैचुरेटेड फैट का सेवन लंबे तक करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। क्लिनिकल ट्रायल्स जिसमें सैचुरेटेड फैट्स को पाॅलीअनसैचुरेटेड फैट्स से बदलने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
सैचुरेटेड फैट्स का मुख्य सोर्स जिसे घटाया गया उसमें मक्खन, पोर्क, पाम आॅइल, पाम कर्नेल आॅइल और नारियल तेल शामिल था।
एसोसिएशन ने पाया कि नारियल तेल में 80 प्रतिशत सैचुरेटेड फैट है जो की काफी अधिक है। सैचुरेटेड फैट की अधिकता हाई कोलेस्ट्राॅल और दिल के रोगों के सबसे बढ़े कारणों में से है। विशेषज्ञों के मुताबिक बेहतर स्वास्थय के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल आॅइल के सेवन की सलाह दी है।
नारियल तेल नारियल के पेड़ (कोकोस न्यूसीफेरा) में लगे पके हुए नारियल के गूदे या सार से निकाला जाता है। समूची उष्णकटिबंधीय दुनिया में यह पीढ़ी दर पीढ़ी लाखों लोगों के आहार में वसा का मुख्य स्रोत रहा है। भोजन, औषधि एवं उद्योग में इसकी विभिन्न उपयोगिताएं हैं। नारियल तेल बेहद उष्णता सुचालक है अतः यह खाना पकाने एवं तलने का एक उत्कृष्ट तेल है। इसका धूम्र बिंदु लगभग 360 °F (180 °C) है। इसकी स्थिरता की वजह से इसका ऑक्सीकरण धीमी गति से होता है, जिससे यह जल्दी बासी नहीं होता और उच्च संतृप्त वसा तत्व की वजह से दो वर्षों तक टिक सकता है।