बिहार के संवेदनहीन मंत्री
सुकमा हमले में बिहार के छह जवान शहीद हुए…आश्चर्य की बात है कि न मुख्यमंत्री, न उपमुख्यमंत्री और न ही बिहार सरकार का कोई भी किसी मंत्री शहीदों के श्रद्धाजंलि में शामिल हुआ और अब जब इनसे पूछे जा रहे हैं सवाल तो इनकी दलील भी अजब गज़ब…
ये है बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी…पार्टी में वरिष्ठ नेता भी है…यह भी पटना में मौजूद थे लेकिन पटना हवाई अड्डे पर जाकर शहीदों को श्रद्धाजंलि देना उचित नही समझा और जब मीडिया ने सवाल पूछा तो कह दिया कि ये प्रशासनिक चूक है,हमे अधिकारियों ने सूचित नही किया।
-अब इनसे मिलिए ये है अशोक चौधरी…बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री है और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी है।इन्होंने कहा कि भूलवश कोई मंत्री नही पहुंचा…
-ये है विजेंद्र यादव,बिहार सरकार में ऊर्जा मंत्री है…पार्टी में वरिष्ठ माने जाते है…इनका जवाब तो सच मे आशर्चय वाला है…विजेंद्र यादव ने कहा कि देश मे या राज्य में शहीदों के श्रद्धाजंलि में शामिल होने की परंपरा ही अब खत्म हो गई है..
-वाह मंत्री जी गजब कर दिए..इसका मतलब है कि सरकार के मंत्रीयो में शहीदों के अपमान करने की नई परंपरा शुरू हो गई है क्या?खैर छोड़िए अब आगे बढ़ते है…ये है जलील मस्तान…बिहार सरकार में मद्द निषेध मंत्री है…बिहार में पिछले एक साल से शराबबंदी है सो काम तो कुछ है नही अब फिर भी श्रद्धाजंलि में शामिल नही हुए…और जब हमने पूछा तो हमे ही झूठा बना दिया…मस्तान ने कहा कि सरकार के नेता और मंत्री गए थे आपको पता नही है।
-अब सबसे अंत मे मिलिए ये है सन्तोष निराला…केवल नाम निराला नही है यह सच मे निराले है…जब हमने इनसे पूछा कि मंत्री जी आप कहाँ थे,आप क्यों नही पहुंचे थे शहीदों को श्रद्धाजंलि देने तो मंत्री जी ने अपने निराले अंदाज में कहा कि हमे तो कुछ भी जानकारी नही है…और ना ही कुछ मालूम है…हम तो बाहर थे
-नेता जी के ये अजीबोगरीब बयान और शहीदों का यह अपमान,आखिर कब सुधरेगें हमारे राज्य के नेताजी।