कठघरे में केजरीवाल

अपने आप को ईमानदारी का पर्याय बताने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को उन्ही के एक सहयोगी ने भ्रष्ट बता कर पार्टी की मुसीबतों को और भी बाधा दिया है |केजरीवाल के कबिनेट में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने उन पर अपने ही सहयोगी मंत्री सत्येन्द्र जैन से दो करोड़ रूपये लेने का आरोप लगाया है |सत्येन्द्र जैन दिल्ली की केजरीवाल सरकार में स्वास्थ मंत्री हैं |जैन वैसे भी लगातार शुर्खियों में बने हुए हैं और कई मामलों में उनके खिलाफ सी बी आई जांच चल रही है |केजरीवाल अपने आप को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाला देश का सबसे बड़ा सिपाही बताते हैं और लगभग हर पार्टी और उसके नेताओं पर समय – समय पर आरोप लगा कर उनसे इस्तीफे की मांग करते रहे हैं |जिस ई वी एम् मशीन ने उन्हें दिल्ली विधान सभा चुनाव में ६७ सीट दिलाकर दिल्ली की कुर्सी पर बैठा दिया उस ई वी एम् को भी आज वह रोजाना गलत बता कर अपनी रोज कम होती और गिरती साख का दोषी बताने से बाज़ नहीं आ रहे |वो चुनाव जीतें तो ई वी एम् ईमानदार ,और वो चुनाव हारें तो ई वी एम् एक बेईमान मशीन |उनकी तथाकथित ईमानदारी की पोल अब उन्ही के एक करीबी सहयोगी ने खोल दी है |ये अलग बात है कि कपिल मिश्रा को इस दो करोड़ कांड के खुलासे से ठीक एक दिन पहले केजरीवाल ने मंत्री पद से हटा दिया था |कपिल मिश्रा की माने तो उन्होंने अपनी आँखों से केजरीवाल को सत्येन्द्र जैन से दो करोड़ रूपये लेते हुए देखा |उनका कहना है कि जब भी किसी ने केजरीवाल पर ऊँगली उठाने या उनके गलत कार्यों का विरोध करने की हिम्मत की है उसे हटा दिया जाता है |कभी पार्टी से तो कभी उसके पद से |इस आरोप के सबूत के बारे में पूछे जाने पर श्री मिश्रा ने कहा कि , ” जैन को हिरासत में लेकर जैसे ही सी बी आई पूछ ताछ करेगी ,सारा सच लोगों के सामने आ जाएगा “|कुमार विश्वास सहित पार्टी के कई नेताओं ने इस मामले में केजरीवाल का बचाव करते हुए  उन्हें ईमानदार बताया है , लेकिन इस मामले में उनलोगों के पास भी ऐसा कोई गवाह या सबूत नहीं है जो कपिल मिश्रा के आरोपों को गलत साबित कर सके |वैसे भी उत्तर प्रदेश ,पंजाब ,और गोवा में बुरी तरह हारने के बाद पार्टी का अंदरूनी झगडा सड़क पर आ चुका था ,रही – सही कसर दिल्ली के एम् सी डी चुनाव में पूरी हो गई जिसमे केजरीवाल कहीं के नहीं रहे |सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर नोटबंदी तक पर दर्ज़नो मामलो को अनावश्यक तूल देने वाले केजरीवाल के दामन पर बहुत बड़ा दाग लगा है जिसे किसी दुसरे  ने नहीं उनके अपने ही करीबी ने लगाया है और वो भी पूरे विश्वास के साथ |इतनी बात किसी और के साथ होती तो केजरीवाल गला फाड़ -फाड़ कर उसका इस्तीफ़ा मांगने लगते ,लेकिन अब वो खामोश हैं और उनके करीबी भी खुलकर प्रमाण के साथ उनका बचाव नहीं कर पा रहे हैं |इस मामले में जो भी मोड़ आये लेकिन इतना तो तय है कि इस पार्टी का ग्राफ बुरी तरह नीचे जा रहा है |आने वाले समय में इसका जो भी हो पर इतना तो तय है कि केजरीवाल को अपनी और पार्टी की छवि बचाने के लिए किसी करिश्मे का इंतजार करना होगा |

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