चुम्बन की इज़ाजत है …..

रोजे के दौरान यदि आप अपनी बीवी का बोसा (चुम्बन ) लेते हैं तो आपका रोज़ा नहीं टूटेगा |रमजान के दौरान रोज़ेदारों को ढेर सारे नियमो का पालन करना पड़ता है |सिर्फ भूखे -प्यासे रहने का ही नाम रोजा नहीं है | आंख ,कान ,नाक और जुबान का भी रोजा होता है |रोज़े के दौरान इन सभी चीजों पर काबू रखने का हुक्म है |मतलब यह कि ,बुराइयों से बचने नाम रोजा है |रमजान शुरू है और मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हज़रत से रोज़े की हालत में तमाम एहतियात बरतने से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं |विदेशी जायरीन भी ऑनलाइन जानकारी ले रहे हैं |ऐसे ही एक रोज़ेदार के सवाल पर जवाब दिया गया है कि ,बीवी का बोसा (चुम्बन ) लेने से रोज़ा नहीं टूटेगा |एक विदेशी ने मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हज़रत से सवाल किया था कि ,रोजे के दौरान अगर वह अपनी बीवी का बोसा लेता है तो रोज़ा रहेगा या टूट जाएगा |इसका जवाब जानशीन मुफ़्ती आज़म हिन्द मुफ़्ती अख्तर रज़ा कहाँ अजहरी मियां ने दिया |उन्होंने स्पष्ट किया कि , सिर्फ बोसा लेने से रोजा नहीं टूटेगा लेकिन शारीरिक सम्बन्ध बनाने से रोजा जाता रहेगा क्यूंकि रोज़े के दौरान ऐसा करना गुनाह है |ऐसा गुनाह करने वाले को ६० रोज़े लगातार रखने होंगे और ६० दिन तक गरीबों को खाना खिलाना होगा |एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि ,रोज़े के दौरान अगर किसी महिला को हेज ( मासिक धर्म ) हो जाता है तो उसका रोज़ा जाता रहेगा |

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