इस बौखलाहट का कारण क्या है?
लालूजी आजकल काफी गुस्से और बौखलाहट में हैं |एक ओर राजद सुप्रीमो कह रहे हैं कि उनके विभिन्न ठिकानो पर आयकर के छापे की बात उन्हें पता नहीं |उनके मुताबिक यह सबकुछ मोदी के चाटुकार मीडिया वाले जान बूझ कर फैला रहें हैं ताकि उनकी छवि को ख़राब कर सकें |जहां तक आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनके आवास और विभिन्न ठिकानो पर छापे की बात है तो देश में शायद ही कोई ऐसा चैनल हो जिसने इस खबर को व्यापकता से न दिखाया हो या फिर शायद ही ऐसा कोई अखबार हो जिसमे उनके ठिकानो पर आयकर के छापे की खबर विस्तार से न छपी हो |अब ऐसी सूरत और इस पैमाने से तो पूरे देश की मीडिया नरेद्र मोदी की चाटुकार बन गई है |इसे लालू प्रसाद यादव की बौखलाहट नहीं तो और क्या कहेंगे कि ,देश की पूरी मीडिया उन्हें अपनी दुश्मन नज़र आने लगी |ये उनकी मौजूदा दिमागी हालत और बौखलाहट का जीता -जागता प्रमाण है कि वे देश की समस्त मीडिया के बारे में ऐसा सोचने लगे हैं |
सवाल उठता है कि ,जब उनके किसी आवास या ठिकाने पर कोई छापा पड़ा ही नहीं तो उनके तमाम नेता उनके बचाव में क्यूं उतर आये |सब के सब एक स्वर से ये क्यूं कहने लगे कि ,” लालूजी के विभिन्न ठिकानों पर भाजपा के इशारों पर छापे डलवाए गए “|आगे स्वयं लालूजी ने भी कहा कि ,”जब मैंने मोदी की बात मानने से इनकार कर दिया ,जब मैं उनके आगे नहीं झुका तो उन्होंने आयकर का छापा पडवा दिया “|लालूजी यहीं पर नहीं रुके ,उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में अपना रटा -रटाया डायलाग भी दोहराया ,” भाजपा और आर एस एस मुझसे थर -थर कांपती है |मैं राष्ट्र विरोधी और फासिस्ट ताकतों के आगे झुकने वाला नहीं “|आखिर किस बौखलाहट में उन्होंने इतने सारे डायलाग बोल डाले |इसके अलावा रघुवंश बाबू और प्रभुनाथ सिंह से लेकर राजद के तमाम दिग्गज नेताओं ने आयकर छापों के पीछे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जम कर कोसा |सिर्फ राजद नहीं बल्कि कांग्रेसी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री को जमकर कोसने में कोई कोर -कसर नहीं छोड़ी |राजद के तमाम प्रवक्ता विभिन्न चैनलों पर जाकर आयकर विभाग और नरेद्र मोदी को कोसने के साथ -साथ अपने सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार का बचाव करते रहे |जब कहीं कुछ हुआ ही नहीं था तो फिर इतनी कसरत और इतनी बयानबाजी की क्या जरूरत आ पड़ी |बात यहीं नहीं थमी |युवा राजद के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर पटना के वीर चंद पटेल मार्ग पर अपनी वीरता दिखाने और तोड़ -फोड़ करने से नहीं चूके |ये बात अलग है कि राजद के वरिष्ठ नेताओं ने अपने हुडदंगी कार्यकर्ताओं का बचाव करते हुए सारा ठीकरा भाजपा कार्यकर्ताओं के सर फोड़ दिया |वैसे राजद नेताओं ने यह भी स्वीकार किया कि उनके कार्यकर्ताओं ने बिना पार्टी की अनुमति और सुप्रीमो की जानकारी के प्रदर्शन किया और जुलूस निकाला |अब आप स्वयं निर्णय कर सकते हैं कि ,राजद के ये युवा कार्यकर्ता कितने अनुशासित और नियंत्रित रहे होंगे जो खुद अपनी पार्टी से किसी बात की अनुमति नहीं लेते |
बहरहाल ,सवाल अब भी अपनी जगह पर खड़ा है कि ,जब छापा पड़ा ही नहीं (बकौल लालूजी) तो फिर ये बयानबाजी ,जुलूस ,तोड़ -फोड़ और और केंद्र सरकार सहित भाजपा को कोसने की कसरत क्यूं |सच तो यह है कि , लालू और उनका परिवार इस बार संकट में है और बिहार में उसकी मुख्य सहयोगी पार्टी जद यू ने इस तमाम मामले से अपने को अलग कर रखा है |नीतीश खामोश हैं ,उनकी पार्टी खामोश है और यही है लालूजी की बौखलाहट की मुख्य वजह |वो भी अच्छी तरह समझ चुके हैं कि उन्हें कमजोर करने की साजिश उन्ही के महागठबंधन के अन्दर से चल रही है |मुश्किल यह है कि सब कुछ समझने के बावजूद लालू खुल कर कुछ नहीं बोल सकते और यही है उनकी हताशा और बौखलाहट की मुख्य वजह |